कांगड़ा। मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने कहा कि ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ और ‘प्रगतिशील हिमाचल: स्थापना के 75 वर्ष’ जैसे समारोह हमारे असंख्य स्वतंत्रता सेनानियों के संघर्ष एवं बलिदान और देश-प्रदेश के लोगों के 75 वर्षों के अथक परिश्रम तथा समर्पण के प्रति सम्मान प्रकट करने की दिशा में बहुत ही महत्वपूर्ण कार्यक्रम सिद्ध होंगे।
ये कार्यक्रम युवा पीढ़ी में देशभक्ति और वीरता का भाव जागृत करने के साथ-साथ हमारे इतिहास तथा 75 वर्षाें केे गौरवशाली सफर से भी रू-ब-रू करवाएंगे।
मुख्यमंत्री आज कांगड़ा जिले के शाहपुर में आयोजित ‘प्रगतिशील हिमाचल: स्थापना के 75 वर्ष’ कार्यक्रम के दौरान एक विशाल जनसभा को संबोधित कर रहे थे। प्रदेश के अब तक सभी मुख्यमंत्रियों के योगदान का स्मरण करते हुए जय राम ठाकुर ने कहा कि तमाम चुनौतियों के बावजूद हिमाचलवासियों ने राज्य के समग्र विकास में अपनी सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित की है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के हिमाचल प्रदेश के दौरों पर विपक्षी नेताओं की टिप्पणियों का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि विपक्ष को यह समझना चाहिए कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ही प्रदेश को 800 करोड़ रुपये की विशेष केंद्रीय सहायता जारी की।
जय राम ठाकुर ने कहा कि प्रधानमंत्री का हिमाचल के प्रति विशेष लगाव है। यह सभी हिमाचलियों के लिए गर्व की बात है। प्रधानमंत्री का आभार व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि नरेन्द्र मोदी एकमात्र ऐसे प्रधानमंत्री हैं, जिन्होंने कई बार हिमाचल प्रदेश का दौरा करके राज्य को विकास और समृद्धि के पथ पर अग्रसर किया।
इससे पहले, मुख्यमंत्री ने शाहपुर विधानसभा क्षेत्र में 77.66 करोड़ रुपये लागत की विभिन्न विकास परियोजनाओं के लोकार्पण एवं शिलान्यास भी किए। उन्होंने 8.98 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित लघु सचिवालय भवन शाहपुर के अलावा कोषागार कार्यालय भवन, रोजगार कार्यालय भवन और दमकल कार्यालय का उद्घाटन भी किया।
मुख्यमंत्री ने 31.90 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाली उठाऊ पेयजल योजना बांदी रिछयालु, मनेई परगोड और लंज नौशेरा तथा 20.20 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र शाहपुर के भवन की आधारशिला रखी। उन्होंने तीन अन्य विकास कार्यों के शिलान्यास भी किए, जिनमें 3.49 करोड़ रुपये की लागत से लोक निर्माण विभाग अधिशाषी अभियंता कार्यालय भवन शाहपुर, 1.34 करोड़ रुपये की लागत से इंडोर स्टेडियम, 2.95 करोड़ रुपये की लागत से उठाऊ सिंचाई योजना लंज के उन्नयन कार्य शामिल हैं।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने अग्निशमन विभाग की दो गाड़ियों को भी हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि महामारी के दौरान लॉकडाउन के कारण राज्य के लाखों लोग देश के विभिन्न हिस्सों में फंसे हुए थे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा लगभग 2.50 लाख हिमाचली लोगों को उनके घरों तक सुरक्षित पहुंचाया गया।
उन्होंने यह भी कहा कि गोवा से विशेष रेलगाड़ियों तथा राजस्थान के कोटा से हिमाचल पथ परिवहन निगम की 50 बसों के माध्यम से हजारों युवाओं को घर लाया गया। उन्होंने इस संकट से बाहर निकलने के लिए सरकार को सहयोग देने के लिए राज्य के लोगों का आभार व्यक्त किया।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने न केवल देश के वैज्ञानिकों को स्वदेशी वैक्सीन विकसित करने के लिए प्रेरित किया, बल्कि दुनिया के बड़े पैमाने पर मुफ्त टीकाकरण अभियान को भी सफलतापूर्वक आरम्भ किया।
उन्होंने सभी स्वास्थ्य, स्वच्छता और अन्य फ्रंटलाइन कार्यकर्ताओं का इस महामारी के प्रसार को रोकने के लिए उनके सहयोग और सक्रिय समर्थन के लिए आभार व्यक्त किया, जिसके कारण हिमाचल प्रदेश, भौगोलिक और अन्य चुनौतियों के बावजूद देश में पात्र समूहों को प्रथम एवं द्वितीय खुराक देने के शत-प्रतिशत लक्ष्य को हासिल करने में देशभर में प्रथम राज्य बना है।
जय राम ठाकुर ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार ने अपने कार्यकाल के चार वर्ष नौ माह के दौरान राज्य का संतुलित और सर्वांगीण विकास सुनिश्चित किया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार जरूरतमंदों को सामाजिक सुरक्षा पेंशन प्रदान करने के लिए वार्षिक 1300 करोड़ रुपये से अधिक व्यय कर रही है, जबकि पूर्व राज्य सरकार द्वारा इसके लिए केवल 400 करोड़ रुपये व्यय किए गए थे।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने समाज कल्याण क्षेत्र को सर्वाेच्च प्राथमिकता देते हुए वृद्धावस्था पेंशन की आयु सीमा को 80 वर्ष से घटाकर 70 वर्ष और अब 60 वर्ष कर दिया है।
राज्य सरकार ने महिला सशक्तिकरण और उनके कल्याण को सर्वाेच्च प्राथमिकता दी है। मुख्यमंत्री गृहिणी सुविधा योजना, महिला यात्रियों के लिए हिमाचल पथ परिवहन निगम की बसों में किराये में 50 प्रतिशत की रियायत प्रदान की है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य ने विकास के मामले में हर क्षेत्र में अभूतपूर्व प्रगति की है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश के गठन के समय राज्य की साक्षरता दर केवल 4.8 प्रतिशत थी जो वर्तमान में बढ़कर 83 प्रतिशत हो गई है। उन्होंने कहा कि 1948 में सड़कों की लंबाई 288 किलोमीटर थी, जो आज बढ़कर 39,500 किलोमीटर हो गई है और 1948 में स्वास्थ्य संस्थानों की संख्या केवल मात्र 88 थी, जो वर्तमान में बढ़कर 4320 हो गई है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश के गठन के समय राज्य में केवल 301 शिक्षण संस्थान थे, जबकि आज शिक्षण संस्थानों की संख्या 16,124 हो गई है। उन्होंने कहा कि प्रति व्यक्ति आय मात्र 240 रुपये से बढ़कर आज 2 लाख रुपये से अधिक प्रति व्यक्ति हो गई है।