शिमला। जिला में स्वास्थ्य से संबंधित विभिन्न प्रतिरक्षण कार्यक्रमों को सभी सम्बद्ध विभाग समन्वय स्थापित कर पूर्ण करें ताकि इसका लाभ प्रत्येक व्यक्ति को मिल सके। यह विचार उपायुक्त शिमला आदित्य नेगी ने जिला प्रतिरक्षण कार्य दल की बैठक की अध्यक्षता करते हुए व्यक्त किए।
उन्होंने कहा कि 26 मई को राष्ट्रीय कृमि दिवस के अवसर पर 1 वर्ष से 19 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों को पेट के कीड़े मारने की एल्बेंडाजोल की गोली प्रत्येक बच्चे को खिलाई जाएगी।
इसके साथ ही एक साल से 5 साल तक के बच्चों को विटामीन ए का सिरप पिलाया जाएगा।
उन्होंने कहा कि 26 मई को शिक्षण संस्थानों के शिक्षक प्रयास करें कि बच्चों की शत-प्रतिशत हाजिरी रहे ताकि उन्हें यह दवा दी जा सके।
उन्होंने कहा कि यह समस्त कार्य शिक्षा विभाग, आंगनबाड़ी, महिला एवं बाल विकास विभाग के सहयोग से किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि एनीमिया मुक्त अभियान के तहत जिला में 1 से 30 जून तक छः माह से 10 साल के बच्चों की एनीमिया जांच की जाएगी साथ ही एनीमिया से बचाव के प्रति जानकारी व जागरूकता भी प्रदान की जाएगी। इसी के तहत जांच, जानकारी व उपचार कार्यक्रम के अंतर्गत इनका उपचार किया जाएगा।
सघन दस्त रोग नियंत्रण पखवाड़े के तहत पहला अभियान 15 से 30 जून को जिला में आयोजित किया जाएगा, द्वितीय अभियान 7 नवम्बर से 20 नवम्बर, 2022 तक तथा तृतीय अभियान 14 मार्च से 27 मार्च, 2023 तक चलेगा। इस अभियान के तहत 0 से 5 साल के बच्चों को ओआरएस घोल और जिंक गोली दी जाएगी ताकि इस रोग से बचाव हो सके।
इसी के तहत कोविड वैक्सीनेशन की बूस्टर डोज अथवा प्रीकाॅशनरी डोज लगवाने के लिए सभी फ्रंट लाइन वर्कस को स्वेच्छा से आगे आने को कहा। उन्होंने फ्रंट लाइन वर्कस की श्रेणी में आने वाले सभी विभागों से अपील की कि वो अपने कर्मचारियों को बूस्टर डोज लगवाएं।
उन्होंने कहा कि यदि इस संबंध में कोई विभाग स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से बूस्टर डोज शिविर लगवाने का इच्छुक है वो भी इस संबंध में सूचित कर सकता है।
उन्होंने कहा कि इन अभियानों को सघनता एवं सफलता के साथ पूर्ण किया जाना आवश्यक है, जिसके लिए शिक्षा, महिला एवं बाल विकास विभाग, स्वास्थ्य विभाग समन्वय स्थापित कर सक्रियता के साथ कार्य करें। उन्होंने कहा कि इन अभियानों की जानकारी व जागरूकता प्रदान करने के उद्देश्य से प्रचार-प्रसार किया जाना अत्यंत आवश्यक है।
उन्होंने कहा कि निर्धारित तय समय में इन कार्यक्रमों की पूर्ति करना आवश्यक है ताकि बच्चों एवं समाज के अन्य लोगों के स्वास्थ्य के प्रति सजगता प्रदान की जा सके।