शिमला, news24x365.com। प्रदेश सरकार ने कोविड़-19 महामारी के दृष्टिगत प्रदेश के श्रमिकों के हितों का ध्यान रखते हुए सरकार ने समय-समय पर श्रमिकों के कल्याण और उनके पुनर्वास के लिए अनेक कदम उठाए हैं।
राज्य सरकार ने हिमाचल प्रदेश भवन और अन्य निर्माण कामगार बोर्ड में पंजीकृत श्रमिकों को मार्च और अप्रैल माह 2020 के लिए 2-2 हजार रूपए की वित्तीय सहायता देने की मंजूरी दी है। पहली किस्त के रूप में बोर्ड के साथ पंजीकृत एक लाख श्रमिकों को लगभग 20 करोड़ रूपए की आर्थिक सहायता प्रदान की जा चुकी है।
यह सहायता राशि डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर योजना के तहत श्रमिकों के बैंक खातों में ट्रांसफर की गई है। इसके अलावा, हिमाचल प्रदेश सरकार ने प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन पेंशन योजना में पंजीकृत 40602 असंगठित कामगारों को भी 2-2 हजार रूपए की वित्तीय सहायता प्रदान करने को अपनी स्वीकृति प्रदान की है।
कोविड़-19 महामारी के दौरान राज्य के बाहर फंसे हिमाचली श्रमिकों व हिमाचल प्रदेश में फंसे बाहरी राज्यों के प्रवासी मजदूरों की शिकायतों व समस्याओं के समाधान के लिए सरकार की ओर से उप श्रमायुक्त को नोडल अधिकारी नामित किया है।
इसके अलावा, प्रदेश के सभी श्रम अधिकारियों को उनके अपने अधिकार क्षेत्र में प्रवासी मजदूरों की समस्याओं के समाधान के लिए जिला प्रशासन के साथ समन्वय स्थापित करनेे के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है।
प्रदेश में फंसे अन्य राज्यों के लगभग 42,923 कामगारों को विभिन्न जिलों के उपायुक्तों के माध्यम से विभिन्न सुविधाएं प्रदान की गई हैं जिनमें चंबा में 1652 कांगड़ा में 110, ऊना में 208, मंडी में 73, कुल्लू में 876, बिलासपुर में 16876, शिमला में 28018, किन्नौर में 270, हमीरपुर में 19801, सोलन में 106 और सिरमौर में 133 कामगार शामिल हंै।
विभिन्न राज्यों से प्राप्त हुए आग्रह पर प्रदेश में फंसे बाहरी राज्यों के लगभग 3608 प्रवासी मजदूरों की सहायता कर उनका पुनर्वास किया गया है जिनमें जम्मू-कश्मीर के 3000, छत्तीसगढ़ के 600, ओडिसा के 07, पुंडुचेरी के एक प्रवासी मजदूर को सहायता पहुंचाई गई है जबकि प्रदेश के बाहरी राज्यों में फंसे हिमाचल प्रदेश के लगभग 716 श्रमिकों को भी राज्य सरकार ने संबंधित राज्यों की सरकारों से वार्ता कर सहायता पहुंचाई है। इनमें गोवा में 663 और पश्चिम बंगाल में फंसे 53 हिमाचली श्रमिकों को यह सहायता प्रदान की गई है।
राज्य सरकार ने विभिन्न अद्यौगिक घरानों के मालिकों को भी यह निर्देश दिए हैं कि लाॅकडाउन के दौरान औद्यौगिक ईकाइयों में कार्यरत श्रमिकों की सेवाओं को निलंबित न किया जाए और उन्हें इस अवधि का पूरा मानदेय भी दिया जाए।
इसके अलावा, सरकार ने भारत सरकार के दिशा-निर्देशनुसार कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए सभी औद्यौगिक ईकाइयों में कार्यरत कर्मचारियों को कार्य के दौरान उचित सामाजिक दूरी सुनिश्चित करवाने व सेनेटाईजेशन पर भी विशेष ध्यान देने को कहा है ताकि इस महामारी के दौरान जहां प्रदेश में औद्यौगिक गतिविधियां पुनः आरम्भ की जा सकें, साथ ही कोविड-19 के संकट से भी बचने के पूरें प्रबन्ध सुनिश्चित हो सकें।