शिमला। मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने उच्च वेतनमान के लाभ से वंचित रह गए विभिन्न विभागों में 3 जनवरी, 2022 से पूर्व कार्यरत कर्मचारियों को दो वर्ष का नियमित सेवाकाल पूर्ण करने के उपरान्त अन्य कर्मचारियों के समान उच्च वेतनमान प्रदान करने की घोषणा की है।
उन्होंने जूनियर ऑफिस असिस्टेंट (आईटी) को भी दो वर्ष का नियमित सेवाकाल पूर्ण होने पर लिपिकों की तर्ज पर उच्च वेतनमान प्रदान करने की घोषणा की।
मुख्यमंत्री ने आज यहां होटल पीटरहॉफ में हिमाचल प्रदेश अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ द्वारा आयोजित कर्मचारी महा सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए यह घोषणाएं की।
इस अवसर पर महासंघ, जिला इकाइयों एवं अन्य कर्मचारी संगठनों की ओर से मुख्यमंत्री को सम्मानित किया गया।
जय राम ठाकुर ने उन्हें सम्मानित करने के लिए महासंघ का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि राज्य सरकार को सदैव ही कर्मचारियों का पूर्ण समर्थन एवं सहयोग मिलता रहा है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार की नीतियों एवं योजनाओं को जमीनी स्तर पर क्रियान्वित करने में कर्मचारी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। उन्होंने कोरोना महामारी से लड़ाई में कर्मचारियों विशेष तौर पर फ्रंटलाईन वर्कर की भूमिका की सराहना की।
जय राम ठाकुर ने कहा कि वर्तमान प्रदेश सरकार ने कर्मचारियों का कल्याण सुनिश्चित करने को हमेशा प्राथमिकता दी है तथा उनके साथ बेहतर संबंध रहे हैं।
सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि कर्मचारियों के विभिन्न वर्गों को उनके सभी देय लाभ और बेहतर सुविधाएं प्रदान की जाएं।
उन्होंने कहा कि लगभग दो वर्षों से कोविड-19 संकट के बावजूद प्रदेश सरकार ने कर्मचारियों को पूरा वेतन, पेंशन और अन्य लाभ सुनिश्चित किए हैं ताकि उनको किसी भी तरह की असुविधा न हो।
उन्होंने कहा कि राज्य के अधिकांश सरकारी कर्मचारियों को संशोधित वेतनमान प्रदान कर दिया गया है और इससे प्रत्येक कर्मचारी के वेतन में औसतन 12 से 15 प्रतिशत वृद्धि हुई है।
राज्य के लगभग 1.50 लाख पेंशन भोगियों की पेंशन में भी बढ़ोतरी हुई है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2018 से 2022 के दौरान राज्य के कर्मचारियों एवं पेंशन भोगियों को लगभग 7801 करोड़ रुपये के वित्तीय लाभ प्रदान किए गए हैं।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2016 से पूर्व सेवानिवृत पेंशन भोगियों को पेंशन में 15 से 20 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है और वर्ष 2016 के उपरान्त सेवानिवृत लगभग 40 हजार पेंशन भोगियों को भी शीघ्र ही यह लाभ दे दिए जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2017 में दिहाड़ी 210 रुपये थी, जिसे वर्तमान सरकार ने बढ़ाकर 350 रुपये कर दिया है। इसी प्रकार सरकारी कर्मचारियों और पेंशन भोगियों को वर्तमान सरकार के कार्यकाल में 12 प्रतिशत वार्षिक अंतरिम राहत प्रदान की गई।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार अपने कर्मचारियांे एवं पेेंशन भोगियों को पंजाब एवं केन्द्र सरकार की तर्ज पर देय तिथि से महंगाई भत्ता प्रदान कर रही है।
उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार ने अपने कर्मचारियों को केवल 5 प्रतिशत अंतरिम राहत दी, जबकि प्रदेश सरकार ने हिमाचल के कर्मचारियों को 21 प्रतिशत अंतरिम राहत प्रदान की है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कर्मचारियों और पेंशन भोगियों को अंतरिम राहत के रूप में लगभग 6500 करोड़ रुपये प्रदान किए गए, जिनमें से 3500 करोड़ रुपये वर्तमान प्रदेश सरकार के कार्यकाल में दिए गए।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने एनपीएस में सरकार के अंशदान को 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 14 प्रतिशत किया है, जिससे एक लाख से अधिक एनपीएस कर्मचारियों को लाभ हुआ है।
उन्होंने कहा कि एनपीएस कर्मचारियों को भी पुरानी पेंशन के अन्तर्गत आने वाले कर्मचारियों के समान डीसीआरजी के लाभ दिए जा रहे हैं। सरकार ने डेथ ग्रेच्युटी की ऊपरी सीमा 10 लाख से बढ़ाकर 20 लाख रुपये की है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने विभिन्न विभागों में कार्यरत पैरा-वर्करों के मानदेय में भी बढ़ोतरी की है।
इस वित्त वर्ष से आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, आशा वर्करों, एसएमसी शिक्षकों, मिनी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, आंगनबाड़ी सहायिकाओं, शिलाई अध्यापिकाओं, मिड-डे मील वर्कर, शिक्षा विभाग के जल वाहकों, जल शक्ति विभाग के वाटर गार्ड और मल्टीपर्पज वर्करों, पम्प ऑपरेटरों, पंचायत चौकीदारों, राजस्व चौकीदारों और राजस्व लम्बरदारों के मानदेय में आशातीत बढ़ोतरी की गई है। आऊटसोर्स कर्मियों के वेतन में भी 1500 रुपये प्रतिमाह की वृद्धि की गई है।
जय राम ठाकुर ने विश्वस्त करते हुए कहा कि राज्य सरकार भविष्य में भी कर्मचारियों की उचित मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करती रहेगी और उनसे जुड़े मामलों का प्राथमिकता के आधार पर हल किया जाएगा।
हिमाचल प्रदेश अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष अश्वनी ठाकुर ने सरकारी कर्मचारियों के विभिन्न वर्गों को वित्तीय एवं अन्य लाभ प्रदान करने के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया।
उन्होंने कहा कि यह प्रथम बार है कि संयुक्त सलाहकार समिति की गत वर्ष आयोजित बैठक में राज्य सरकार ने कर्मचारियों की 21 मांगे मानी हैं।