जिला शिमला में पंचायती राज चुनाव टाले सरकार: रोहित ठाकुर

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शिमला। उपरी शिमला में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव को अगले 6 महीने तक टाल देने चाहिए। यह बात जुब्बल- कोटखाई के पूर्व विधायक व पूर्व मुख्य संसदीय सचिव रोहित ठाकुर ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए कही।

उन्होंने कहा कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की एक रिपोर्ट में कोरोना संक्रमण वृद्धि दर को लेकर बेहद चौंकाने वाली बात सामने आई हैं जिसके अनुसार आठ राज्यों के अधिक संक्रमित 19 जिलों में टॉप 7 जिले अकेले हिमाचल से हैं।

कोरोना संक्रमण की सर्वाधिक वृद्धि दर जिला शिमला में 15.3 प्रतिशत तक पहुँच गई हैं जिससे प्रदेश और ज़िला शिमला में कोरोना संक्रमण की भयावह स्थिति का स्वत: ही अंदाज़ा लगाया जा सकता हैं।

इसी तरह कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए प्रशासन द्वारा उप मंडल मुख्यालय रोहड़ू, रामपुर, संजौली व कोटखाई के पान्दली को कंटेन्मेंट जोन घोषित किया गया हैं। ठियोग विधानसभा क्षेत्र में भी कोरोना की स्थिति चिंताजनक बनी हुई हैं।

उन्होंने कहा कि पिछले दिनों जहां संक्रमण के बढ़ते मामले देखने को मिल रहे थे वहीं अब चिकित्सीय जांच में संक्रमित पाएं गए लोगों की मृत्यु में भी बढ़ोतरी हुई हैं और पिछले 22 दिनों में प्रदेश भर में 208 लोगों की कोरोना से मृत्यु के चलते मृत्यु दर 39% तक पहुँच गई हैं।

इसी प्रकार कोरोना से जिला शिमला में 58 में से अकेले जुब्बल-कोटखाई के 20 लोगों की बहुमूल्य जानें चली गई जबकि क्षेत्र में बिना जांच के कोरोना संक्रमित मौतों की संख्या इससे कई गुणा अधिक हैं।

उन्होंने कहा कि यदि पंचायती राज चुनाव को टालने बारें प्रदेश सरकार के रास्ते में कोई संवैधानिक समस्या आ रही हैं तो प्रदेश सरकार केंद्र सरकार के समक्ष इस गम्भीर मामले को उठाकर सुलझाएं।

अस्पतालों में कई तरह की अव्यवस्था देखने को मिल रही है। यहां तक की राजधानी स्थित कोविड अस्पताल में भी ऑक्सीजन सिलेंडर की भारी कमी पाई जा रही हैं, सरकार को चाहिए कि पंचायती राज चुनाव की बजाए चरमराती स्वास्थ्य सेवाओं को प्राथमिकता दें।

कोरोना के बढ़ते मामलों से लोगों में भय का वातावरण बन गया हैं जिसे देखकर लगता हैं कि पंचायती राज चुनाव में जनता की नाममात्र भागीदारी होगी और चुनाव मात्र औपचारिकता बनकर रह जाएंगे।

उन्होंने कहा कि डब्ल्यूएचओ के अनुसार कोरोना संक्रमण सर्दियों में ज़्यादा फ़ैलता हैं और मौसम विभाग के अनुसार इस बार ज़्यादा ठंड व अधिक बर्फबारी होने की संभावना हैं और इस बार समय से पूर्व नवम्बर में ही बर्फ़बारी शुरू हो गई हैं।

जिला शिमला में पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव होने से जहां एक ओर सर्दी के कारण संक्रमण फैलने का भय बना हुआ हैं वहीं जनवरी में बर्फ़बारी चुनावों में बांधा डाल सकती हैं।

उन्होंने कहा कि प्रदेश के जिन क्षेत्रों में हालात सामान्य हैं, वहां पर सरकार पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव समय पर करवाए।

रोहित ठाकुर ने कहा कि जान है तो जहान है, अगले छ: महीनों में प्रदेश में कोरोना वैक्सीन का प्रयोग भी शुरू हो जाएगा। ऐसे में तब चुनाव करवाये जा सकते हैं।

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