लॉकडाउन में ग्रामीण क्षेत्रों की आर्थिकी को संवारेगा मनरेगा समग्र, प्रत्येक पंचायत में 30 नए व्यक्तिगत कार्य आरंभ करने का लक्ष्य निर्धारित

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धर्मशाला, 31 मई, 2020। लॉकडाउन में बेरोजगारी की समस्या से निजात पाने के लिए ग्रामीण स्तर पर मनरेगा के अंतर्गत व्यक्तिगत कार्यों को बढ़ावा देने के लिए मनरेगा समग्र कार्यक्रम कारगर साबित होगा जिसके अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में खेती, बागवानी, पशु पालन एवं मछली पालन की गतिविधियों को सुदृढ़ करने के लिए व्यक्तिगत कार्याें को बढ़ावा दिया जाएगा।

इस पहल को मनरेगा समग्र नाम दिया गया है जिसके तहत खंड विकास अधिकारी स्वयं सक्रिय रूप से सभी लाभार्थियों तक पहुंचने का प्रयास करेंगे।

मनरेगा समग्र के अंतर्गत केंचुआ खाद पिट के लिए 9000 रुपए, बकरी शैड निर्माण के लिए 35000 रुपए, मुर्गी आश्रय निर्माण के लिए 40,000 रुपए, गोशाला के निर्माण के लिए 35000 रुपए, सूअर बाड़े के निर्माण के लिए 35,000 रुपए, फलदार, औषधीय, पशु चारे वाले शहतूत पौधारोपण, ओजोला पौधारोपण, किचन गार्डन, फूलों की नर्सरी, मत्स्य पालन के लिए तालाब निर्माण, भूमि समतलीकरण और शेपिंग, भूमि कटाव को रोकने हेतु सुरक्षा दीवार निर्माण, कूहल के निर्माण और कंटूर/ग्रेडड बांध/ खेत बांध के निर्माण तथा वर्षा जल संग्रहण टैंक के लिए एक-एक लाख रुपए की राशि, शौचालय निर्माण के लिए 15,000 और उसके लिए गड्डा निर्माण के लिए 8000 रुपए की राशि इस योजना के तहत खर्च करने का प्रावधान रखा गया है।

मनरेगा समग्र सक्रिय रूप से लाभार्थियों तक मनरेगा का लाभ पहुंचाने की भावना से प्रेरित है। इसके प्रत्येक चरण का कार्य समयबद्ध तरीके से करवाने का उत्तरदायित्व संबंधित खंड विकास अधिकारी का होगा।

जून में प्रत्येक पंचायत में न्यनूतम 30 नए व्यक्तिगत कार्य मनरेगा समग्र के अंतर्गत खंड विकास अधिकारी द्वारा सभी औचारिकताएं पूर्ण करने के उपरांत आरम्भ करवाए जा सकते हैं। इस योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए इच्छुक व्यक्ति को एक आवेदन पत्र खंड विकास अथवा ग्राम पंचायत के कार्यालय में देना होगा कि उसने कौन सा कार्य मनरेगा के अंतर्गत करवाना है।

खंड विकास कार्यालय में एसइबीपीओ मनरेगा समग्र के लिए नोडल अधिकारी तथा पंचायत स्तर पर पंचायत सचिव इस योजना के नोडल अधिकारी होंगे जो आवेदनकर्त्ता को उसकी पावती देंगे।
आवेदन प्राप्त होने के बाद पंचायत सचिव द्वारा तकनीकी सहायक के माध्यम से कार्य का प्राकक्लन दो दिन के भीतर लिया जाएगा और उसे पंचायत की बैठक में स्वीकृति के लिए रखा जाएगा।

यदि कोई तकनीकी सहायक प्राकक्लन तैयार करने में देरी करता है तो उसके विरूद्ध कत्तव्यों के निर्वहन में कोताही बरतने के संज्ञान में कार्रवाई की जा सकती है। यदि पंचायत किसी कार्य की स्वीकृति का प्रस्ताव पारित नहीं करती है तो प्रस्ताव में उसका कारण देना होगा।

किसी भी व्यक्ति के कार्य को अकारण लम्बित रखने या अस्वीकृत करने पर पंचायत सचिव और पंचायत पदाधिकारियों के विरूद्ध कोताही बरतने में आरोप में कार्रवाई की जा सकती है।

खंड विकास अधिकारी के पास सम्पूर्ण प्रस्ताव पहुंचने के दो दिन के भीतर उस पर निर्णय लिया जाएगा।

निदेशक एवं आयुक्त (मनरेगा) के दिशा-निर्देर्शों के अनुसार यदि कोई बेरोजगार ग्रामीण व्यक्ति जो मनरेगा के अंतर्गत अपनी व्यक्तिगत भूमि पर काम करने का इच्छुक है तो उसे मनरेगा के अंतर्गत काम करने की अनुमति दी जा सकती है, चाहे वह कार्य ग्रामसभा द्वारा अनुमादित कार्यों की सूचि में शामिल न हो तथा संबंधित खंड विकास अधिकारी द्वारा इन कार्यों की कार्योत्तर स्वीकृति मनरेगा के दिशा-निर्देशों के अनुसार सुनिश्चित की जाएगी।

मनरेगा समग्र के अंतर्गत खंड विकास अधिकारी इन शक्तियों का सक्रिय प्रयोग करने के लिए जिम्मेवार होंगे। कार्य के स्वीकृत शेल्फ में होने को अनिवार्य शर्त नहीं माना जाएगा। यदि खंड विकास अधिकारी किसी प्रस्ताव को अस्वीकृत करते हैं तो उसका भी कारण रिकार्ड करना होगा।

आवेदन प्राप्त होने के उपरांत पंचायत सचिव एवं खंड विकास अधिकारी द्वारा अधिकतम 20 दिनों में सभी औपचारिकताएं पूर्ण कर कार्य की स्वीकृति दे दी जाएगी। कार्य की स्वीकृति की एक प्रति आवेदनकर्ता को भी भेजा जाएगी।

स्वीकृति प्राप्त होने के दो दिन के भीतर पंचायत सचिव अथवा ग्राम रोजगार सेवक को लाभार्थी से फार्म नम्बर-4 में रोजगार की मांग लेनी होगी। फॉर्म-4 प्राप्त करने के तीन दिन के भीतर कार्य के लिए मस्ट्रॉल जारी किया जाएगा और कार्य को फील्ड में शुरू करवाया जाएगा।

मस्ट्रॉल को ऑनलाइन करने, कार्य के मूल्याकन एवं भुगतान की प्रक्रिया मनरेगा के सभी कार्यों की तर्ज पर समान होगी। सभी कार्यों में धनराशि का प्रबन्धन मनरेगा के अंतर्गत यथा-निर्धारित 60ः40 के अनुपात से ही व्यय किया जाएगा।

किसी भी व्यक्तिगत कार्य को करवाने में लाभार्थी व उसका परिवार स्वयं भी कार्य करेगा तथा नियमानुसार दूसरे कामगारों को कार्य में सम्मिलित किया जा सकता है। हर कार्य को चालू वित्तीय वर्ष के भीतर पूर्ण करना अनवार्य होगा। आवश्यकतानुसार प्राधिकृत अधिकारी कार्य पूर्ण न होने की स्थिति में कार्य को बंद करने के लिए अधिकृत होगा।

अतिरिक्त उपायुक्त राघव शर्मा ने बताया कि मनरेगा समग्र के तहत उन सभी कार्यों की अनुमति होगी जो व्यक्तिगत कार्यों के अंतर्गत मनरेगा में स्वीकृत हैं। इसके अतिरिक्त उन कार्यों को भी किया जा सकता है जहां किसानों अथवा बागवानों का समूह लाभान्वित हो रहा हो जैसे लघु सिंचाई परियोजना।

ऐसे कार्यों को प्राथमिकता दी जा सकती है जिनसे व्यक्तिगत आय में वृद्धि करके लाभार्थी कोरोना के कारण हुई बेरोजगारी से मुकाबला कर सके। खंड विकास अधिकारी मनरेगा समग्र के अंतर्गत स्वीकृत कार्यों की पंचायत वार संख्या की साप्ताहिक रिपोर्ट डीआरडीए को भेजेंगे।

आवेदनकर्ता किसी भी स्तर पर सहयोग न मिलने अथवा अकारण मनरेगा के अंतर्गत लाभ न देने की शिकायत 1100 पर कर सकते हैं।

उपायुक्त राकेश प्रजापति ने कहा कि समग्र मनरेगा कार्यक्रम के तहत ऐसे सभी कार्य जो किसानों, बागबानों, पशुपालकों, मत्स्य पालकों की आय बढ़ाने में सहायक हों और उनकी निजी भूमि पर करवाए जा सकते हैं।

ऐसे कार्यों को प्राथमिकता दी जाएगी तथा सभी विकास खंड अधिकारियों को इस बाबत दिशा निर्देश जारी किए जा चुके हैं। कोविड-19 के कारण उत्पन्न आर्थिक संकट के कारण नौकरी छूटने के कारण घर लौटे युवाओं तथा बेरोजगारों के लिए भी समग्र मनरेगा विशेष रूप कारगर साबित होगा।

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