मंडी। मंडी जिला प्रशासन ने कोराना काल में रोजी-रोटी के संकट से जूझ रहे लोगों की मदद के लिए एक और मानवीय पहल की है। प्रशासन ने उन सभी जरूरतमंद लोगों की सहायता का बीड़ा उठाया है जो लॉक डाउन के चलते अभी अपना काम-धंधा शुरू नहीं कर पाए हैं और न ही किसी सरकारी योजना के तहत कवर हैं।
उपायुक्त ऋग्वेद ठाकुर ने इस बारे जानकारी देते हुए बताया कि जरूरतमंद लोगों की मदद के लिए प्रशासन ने जिलाभर में विस्तृत सर्वे करवाया है। प्रशासन इस सर्वे में सूचीबद्ध सभी जरूरतमंद परिवारों को निशुल्क राशन किट मुहैया करवाएगा।
शहरी निकायों में असंगठित क्षेत्र के कामगारों को मदद की दरकार
उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में मनरेगा सहित विकास के अधिकतर काम शुरू होने से अब वहां लोगों के लिए परिस्थितियां शहरी क्षेत्रों के कामगारों के मुकाबले कुछ हद तक सामान्य हुई हैं।
इसके उलट शहरी निकायों में असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले बुहत से लोगों का कामकाज अभी भी रूका पड़ा है। ऐसे में उन्हें तुरंत मदद की दरकार थी और उनकी सहायता के लिए अतिरिक्त प्रयास करना जरूरी था।
घर-घर जाकर किया सर्वे
उपायुक्त ने कहा कि इसे ध्यान में रखते हुए जिला के सभी शहरी क्षेत्रों में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के सहयोग से सर्वे करवाया गया है। घर-घर जाकर किए गए इस सर्वे में जरूरतमंद परिवार की माली हालत और उनके काम धंधे की स्थिति का पता लगाया गया है।
इस सर्वे में साथ ही ये भी जानकारी ली गई है कि वे परिवार बीपीएल अथवा किसी अन्य सरकारी योजना में कवर तो नहीं हैं। क्योंकि बीपीएल व पीएम किसान जैसी किसी सरकारी योजना में कवर लोगों को पहले ही अलग से विशेष सहायता मुहैया करवाई जा रही है, इसलिए वे परिवार जिला प्रशासन की इस मुहिम के लाभार्थियों में शामिल नहीं हैं।
20 हजार को मिलेंगी राशन किट
उपायुक्त ने कहा कि इस सर्वे में मंडी जिला के सभी 7 शहरी क्षेत्रों के 5600 परिवारों की 20 हजार के करीब आबादी को सूचीबद्ध किया गया है। इनमें 30 प्रतिशत परिवार प्रवासी मजदूरों के हैं, जबकि 70 फीसदी हिमाचली हैं।
प्रशासन इन सभी जरूरतमंद परिवारों को निशुल्क राशन किट मुहैया करवाएगा।
ऋग्वेद ठाकुर ने कहा कि राशन किट वितरण का कार्य आज से आरंभ कर दिया जाएगा। राशन की एक किट में जरूरतमंद परिवार को 5-5 किलो चावल व आटा, 2 किलो दाल, रिफाइंड तेल का एक लीटर का पैक, एक किलो नमक और 100-100 ग्राम हल्दी व मिर्ची, मिल्क पाउडर आदि दिया जाएगा।
सर्वे से सामने आया असंगठित क्षेत्र के कामगारों का सही आंकड़ा
उन्होंने कहा कि ये सर्वे इसलिए भी बहुत फायदेमंद रहा है कि इससे मंडी जिला के शहरी निकायों के असंगठित क्षेत्र के कामगारों का ठीक-ठीक आंकड़ा पता चला है।
जो भविष्य में श्रमिकों, कामगारों की मदद को नीति व कार्यक्रम बनाने में बहुत सहायक होगा। ये आंकड़े प्रधानमंत्री श्रमिक मानधन योजना के प्रभावी कार्यान्वयन में भी बड़े मददगार होंगे।
ग्रामीण क्षेत्रों में तैयार की जा रही लिस्ट
उपायुक्त ने कहा कि इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में भी ऐसे परिवारों का पता लगाया जा रहा है जो विकास कार्य शुरू होने के बावजूद भी अभी तक संकट में हैं।
संबंधित बीडीओ के जरिए पंचायतों के सहयोग से जरूरतमंद लोगों की लिस्ट तैयार की जा रही है। उन सभी परिवारों को भी निशुल्क राशन किट मुहैया करवाई जाएगी।