राज्य सरकार विद्यार्थियों को गुणवत्तायुक्त शिक्षा प्रदान करने के लिए प्रतिबद्धः जय राम ठाकुर

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प्रदेश सरकार मौजूदा शैक्षणिक अधोसंरचना को मजबूत करने पर विशेष ध्यान देने के साथ राज्य में विद्यार्थियों को गुणात्मक शिक्षा प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है, ताकि विद्यार्थियों को प्रदेश में ही उच्च शिक्षा प्राप्त हो और वह अपनी क्षमताओं के अनुसार राज्य और राष्ट्रीय स्तर की प्रतिस्पर्धाओं में भाग ले सकें। यह बात मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने आज यहां शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए कही।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने उच्च शिक्षण संस्थानों के समग्र विकास के लिए राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान (रूसा) के अंतर्गत हिमाचल प्रदेश राज्य उच्चतर शिक्षा परिषद् का गठन किया है। उन्होंने कहा कि राज्य परियोजना निदेशालय रूसा, प्रदेश में उच्च शिक्षा की पहुंच, समानता और गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए प्रयासरत है।

उन्होंने कहा कि रूसा के अंतर्गत मिलने वाला अनुदान नैक (एनएएसी) द्वारा मान्यता पर निर्भर करता है, जिसके कारण विभिन्न काॅलेजों में एक स्वस्थ प्रतिस्पर्धा आरंभ होगी तथा इससे सभी काॅलेज नैक मान्यता प्राप्त करने के लिए प्रेरित होंगे।

जय राम ठाकुर ने कहा कि सरदार वल्लभभाई पटेल कलस्टर विश्वविद्यालय मण्डी की स्थापना रूसा के दिशा-निर्देशों अनुसार की गई है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने इस विश्वविद्यालय के लिए 55 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं, जिसमें से 27.50 करोड़ रुपये आवंटित कर दिए गए हैं।

उन्होंने अधिकारियों को इस कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए, ताकि विद्यार्थियों को बेहतर सुविधाएं मिल सकें।

उन्होंने कहा कि भारत सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय शिमला में अधोसंरचना, 26 महाविद्यालयों में अधोसंरचना, चम्बा जिला के लिल्लह कोठी में नए माॅडल डिग्री काॅलेज, डीएवी सेंटनरी महाविद्यालय कोटखाई और राजकीय महाविद्यालय चम्बा के स्तरोन्नयन के लिए रूसा के अन्तर्गत वर्ष 2018 में 92 करोड़ रुपये स्वीकृत किए थे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में 929 उच्च और 1871 वरिष्ठ माध्यमिक पाठशालाओं के अतिरिक्त 138 राजकीय महाविद्यालय विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान वित्त वर्ष के दौरान शिक्षा क्षेत्र में विभिन्न घटकों में 3,671.95 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।

उन्होंने कहा कि वर्ष 2020-21 के दौरान भवनों और शैक्षिक अधोसंरचना के लिए 116.37 करोड़ रुपये निर्धारित किए गए। उन्होंने कहा कि पिछले वित्त वर्ष के दौरान इन मदों पर 114.36 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया था।

उन्होंने कहा कि 1171 निर्माण कार्य पूरे कर लिए गए हैं, जबकि 314 कार्य प्रगति पर हैं। उन्होंने अधिकारियों को छात्रों की सुविधा के लिए शैक्षणिक संस्थानों में भवनों के निर्माण और अधोसंरचनात्मक कार्यों पर तेजी से काम करने के निर्देश दिए।

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