पिछले बिजली बिलों को आधार मानकर दोगुने नए बिल भेज देना गैर ज़िम्मेदाराना: सुधीर शर्मा

Spread with love

धर्मशाला। पूर्व मंत्री एवं अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सचिव सुधीर शर्मा ने कहा है कि राज्य बिजली बोर्ड द्वारा जो जारी किए जा रहे बिलों में भारी चूक है।

उनका कहना है कि जिस तरह की चूक है, उससे यह भी पता चलता है कि बिजली बोर्ड में किस स्तर तक बदइंतज़ामी है। उन्होंने मांग की कि सरकार को लॉकडाउन के समय के बिजली बिल माफ़ कर लोगों को राहत देनी चाहिए।

सुधीर शर्मा ने कहा कि एक तरफ़ तो कोरोना महामारी के चलते पूरी अर्थव्यवस्था चौपट हो चुकी है और बहुत से लोगों का रोज़गार जा चुका है। ऐसे समय में पिछले बिजली बिलों को आधार मानकर नए बिल भेज देना और वह भी पहले से दोगुना, सरासर गैरज़िम्मेदाराना है।

उनका कहना है कि लोगों को ये बिल तब पहुंचाए गए, जब बीच में दो दिन का अवकाश था और बिल की अंतिम तिथि के बीच में केवल तीन दिन का समय दिया गया है।

उन्होंने कहा कि इससे न केवल घरेलू उपभोक्ता, बल्कि छोटे और मझोले व्यापारी वर्ग के लोग भी परेशान हैं। उनको जो बिल आए हैं वह पहले की तुलना में कई गुना अधिक है, जबकि इस दौरान व्यापार पूरी तरह से ठप रहा है।

कांग्रेस नेता ने मांग की कि सरकार को ऐसे समय में हस्तक्षेप कर लोगों को राहत देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि जहां एक तरफ़ हिमाचल प्रदेश को बिजली राज्य के नाम से जाना जाता है, वहीं दूसरी तरफ बिजली बोर्ड इस प्रकार की परिस्थिति में ऐसे बिल जारी करना बहुत बड़ी चूक है।

उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के चलते अभी तक सरकार की तरफ़ से आम जनता को किसी भी प्रकार के राहत पैकेज का लाभ नहीं मिला है, जबकि जनता ने स्वयं बढ़-चढ़ कर इस महामारी में अपने कर्तव्यों को निभाया है।

उन्होंने मांग की कि बिजली बोर्ड वर्तमान में जारी किए गए बिलों को तुरंत प्रभाव से वापिस लेकर सरकार को लॉकडाउन के समय के बिजली बिल माफ़ करने चाहिए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: