शिमला, 22 जून, 2020। छात्र अभिभावक मंच ने
निजी स्कूलों से सम्बंधित अभिभावकों व छात्रों द्वारा मनमानी फीसें जमा न करने पर उन्हें मानसिक तौर पर प्रताड़ित करने के घटनाक्रम की कड़ी निंदा की है।
मंच ने उच्चतर व प्रारंभिक शिक्षा निदेशक को चेतावनी दी है कि अगर उन्होंने इस मनमानी व प्रताड़ना को बन्द न किया तो मंच के सदस्य चौबीस घण्टे के लिए शिक्षा निदेशालय पर डेरा जमाकर बैठ जाएंगे। मंच अब शिक्षा अधिकारियों के पुतलों को जलाने से भी गुरेज नहीं करेगा।
मंच के संयोजक विजेंद्र मेहरा व सदस्य विवेक कश्यप ने कहा है कि शिमला के निजी स्कूल छात्रों व अभिभावकों को फीस के नाम पर प्रताड़ित कर रहे हैं। ये स्कूल अभिभावकों को उनके द्वारा निर्धारित मनमानी फीस जमा करवाने के लिए दबाव बना रहे हैं। कई स्कूलों ने टयूशन फीस के अलावा अन्य चार्जेज जमा न करने पर बच्चों की ऑनलाइन क्लासेज़ बन्द कर दी हैं।
इन बच्चों को छात्रों के लिए बनाए गए स्टडी ग्रुप से बाहर कर दिया गया है। इस से छात्र व अभिभावक भारी मानसिक परेशानी में हैं। अभिभावकों को बार-बार फीसें जमा करने के लिए मैसेज भेज कर उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा है।
इन फीसों में सभी तरह के चार्जेज को टयूशन फीस में सम्माहित कर दिया गया है व टयूशन फीस के मुकाबले तीन गुणा ज़्यादा तक फीसें जमा करने का दबाव बनाया जा रहा है। यह सब सरकार व शिक्षा अधिकारियों की आंखों के सामने हो रहा है।
निजी स्कूल प्रदेश सरकार की 23 मई की कैबिनेट बैठक के निर्णय की सरेआम धज्जियां उड़ा रहे हैं। निजी स्कूलों की इस मनमानी के बावजूद भी इनके प्रबंधनों पर प्रदेश सरकार एपिडेमिक एक्ट व डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट के अनुसार कोई कार्रवाई नहीं कर रही है।
विजेंद्र मेहरा ने कहा है कि निजी स्कूलों की मनमानी व मानसिक प्रताड़ना के कारण अगर किसी भी बच्चे व अभिभावक के साथ कोई अनहोनी होती है तो उसके लिए सीधे शिक्षा अधिकारी जिम्मेवार होंगे।