जानें वास्तु शास्त्र के अनुसार घर पर कहाँ और कैसा लगाएं कैलेंडर

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आज का हिन्दू पंचांग

दिनांक – 31 दिसम्बर 2021

दिन – शुक्रवार

विक्रम संवत – 2078

शक संवत -1943

अयन – दक्षिणायन

ऋतु – शिशिर

मास – पौस (गुजरात एवं महाराष्ट्र के अनुसार मार्गशीर्ष मास)

पक्ष – कृष्ण

तिथि – द्वादशी सुबह 10:39 तक तत्पश्चात त्रयोदशी

नक्षत्र – अनुराधा रात्रि 10:04 तक तत्पश्चात जेष्ठा

योग – शूल शाम 06:01 तक तत्पश्चात गण्ड

राहुकाल – सुबह 11:20 से दोपहर 12:42 तक

सूर्योदय – 07:16

सूर्यास्त – 18:06

दिशाशूल – पश्चिम दिशा में

व्रत पर्व विवरण – प्रदोष व्रत, त्रयोदशी क्षय तिथि

विशेष –

द्वादशी को पूतिका(पोई) अथवा त्रयोदशी को बैंगन खाने से पुत्र का नाश होता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)

वास्तु शास्त्र

वास्तु में पुराने कैलेंडर लगाए रखना अच्छा नहीं माना गया है। ये प्रगति के अवसरों को कम करता है। इसलिए, पुराने कैलेंडर को हटा देना चाहिए और नए साल में नया कैलेंडर लगाना चाहिए। जिससे नए साल में पुराने साल से भी ज्यादा शुभ अवसरों की प्राप्ति होती रहे।

अगर सालभर अच्छे योग और फायदे चाहते हैं तो घर में कैलेंडर को वास्तु के अनुसार ही लगाएं।

वास्तु अनुरुप कहां लगाएं कैलेंडर

कैलेंडर उत्तर,पश्चिम या पूर्वी दीवार पर लगाना चाहिए। हिंसक जानवरों, दुःखी चेहरों की तस्वीरोंवाला ना हो। इस प्रकार की तस्वीरें घर में नेगेटिव एनर्जी का संचार करती हैं।

पूर्व में कैलेंडर लगाना बढ़ा सकता हैं प्रगति के अवसर

पूर्व दिशा के स्वामी सूर्य हैं , जो लीडरशिप के देवता हैं। इस दिशा में कैलेंडर रखना जीवन में प्रगति लाता है। लाल या गुलाबी रंग के कागज पर उगते सूरज, भगवान आदि की तस्वीरों वाला कैलेंडर हो।

उत्तर दिशा में कैलेंडर बढ़ाता है सुख-समृद्धि

उत्तर दिशा कुबेर की दिशा है। इस दिशा में हरियाली,फव्वारा, नदी,समुद्र, झरने, विवाह आदि की तस्वीरों वाला कैलेंडर इस दिशा में लगाना चाहिए। कैलेंडर पर ग्रीन व सफेद रंग का उपयोग अधिक किया हो।

पश्चिम दिशा में कैलेंडर लगाने से बन सकते हैं। रुके हुए कई कार्य- पश्चिम दिशा बहाव की दिशा है। इस दिशा में कैलेंडर लगाने से कार्यों में तेजी आती हैं। कार्यक्षमता भी बढ़ती है। पश्चिम दिशा का जो कोना उत्तर की ओर हो। उस कोने की ओर कैलेंडर लगाना चाहिए।

कैलेंडर नहीं लगाना चाहिए घर की दक्षिण दिशा में

घड़ी और कैलेंडर दोनों ही समय के सूचक हैं। दक्षिण ठहराव की दिशा है। यहां समय सूचक वस्तुओं को ना रखें। ये घर के सदस्यों की तरक्की के अवसर रोकता है। घर के मुखिया के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है।

मुख्य दरवाजे से नजर आता कैलेंडर भी नहीं लगाएं

मुख्य दरवाजे के सामने कैलेंडर नहीं लगाना चाहिए। दरवाजे से गुजरने वाली ऊर्जा प्रभावित होती है। साथ ही तेज हवा चलने से कैलेंडर हिलने से पेज उलट सकते हैं । जो कि अच्छा नहीं माना जाता है।

विशेष :

अगर कैलेंडर में संतों महापुरुषों तथा भगवान के श्रीचित्र लगे हों,तो ये और अधिक पुण्यदायी और आनंददायी माना जाता है।

कर्ज-मुक्ति के लिए मासिक शिवरात्रि

1 जनवरी शनिवार को मासिक शिवरात्रि है।

हर मासिक शिवरात्रि को सूर्यास्‍त के समय घर में बैठकर अपने गुरुदेव का स्मरण करके शिवजी का स्मरण करते- करते ये 17 मंत्र बोलें, जिनके सिर पर कर्जा ज्यादा हो, वो शिवजी के मंदिर में जाकर दिया जलाकर ये 17 मंत्र बोले। इससे कर्जा से मुक्ति मिलेगी।

1).ॐ शिवाय नम:*
2).ॐ सर्वात्मने नम:*
3).ॐ त्रिनेत्राय नम:*
4).ॐ हराय नम:*
5).ॐ इन्द्र्मुखाय नम:*
6).ॐ श्रीकंठाय नम:*
7).ॐ सद्योजाताय नम:*
8).ॐ वामदेवाय नम:*
9).ॐ अघोरह्र्द्याय नम:*
10).ॐ तत्पुरुषाय नम:*
11).ॐ ईशानाय नम:*
12).ॐ अनंतधर्माय नम:*
13).ॐ ज्ञानभूताय नम:*
14). ॐ अनंतवैराग्यसिंघाय नम:*
15).ॐ प्रधानाय नम:*
16).ॐ व्योमात्मने नम:*
17).ॐ युक्तकेशात्मरूपाय नम:*

आर्थिक परेशानी से बचने के लिए

हर महिने में शिवरात्रि (मासिक शिवरात्रि – कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी) को आती है। तो उस दिन जिसके घर में आर्थिक कष्ट रहते हैं वो शाम के समय या संध्या के समय जप-प्रार्थना करें एवं शिवमंदिर में दीप-दान करें।

और रात को जब 12 बज जायें तो थोड़ी देर जागकर जप और एक श्री हनुमान चालीसा का पाठ करें। तो आर्थिक परेशानी दूर हो जायेगी।

प्रति वर्ष में एक महाशिवरात्रि आती है और हर महिने में एक मासिक शिवरात्रि आती है। उस दिन शाम को बराबर सूर्यास्त हो रहा हो उस समय एक दिया पर पाँच लंबी बत्तियाँ अलग-अलग उस एक में हो शिवलिंग के आगे जला के रखना।

बैठ कर भगवान शिवजी के नाम का जप करना प्रार्थना करना। इससे व्यक्ति के सिर पे कर्जा हो तो जल्दी उतरता है, आर्थिक परेशानियाँ दूर होती हैं।

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