भारत। देश में सबसे यूनीक उत्पादों को पेश करने के लिए अनुसंधान विशेषज्ञता और जॉइंट मैन्युफैक्चरिंग क्षमताओं का लाभ उठाने के लिए भारत के सबसे बड़े सीडीएमओ ‘एकम्स ड्रग्स एंड फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड’ ने लियुटिस फार्मास्युटिकल्स एलएलपी और बायोफोर इंडिया फार्मास्युटिकल्स के साथ साझेदारी की है।
यह साझेदारी इसलिए की गयी है ताकि कई तरह की थेरेपी यानि उपचारों के लिए उत्पादों के लिए भारत में ही रिसर्च की जा सके और यहीं इन उत्पादों का निर्माण किया जा सके। यह साझेदारी सीएनएस डिसऑर्डर, दर्द प्रबंधन और हार्मोनल डिसऑर्डर के इलाज में मदद करने के उद्देश्य से की गयी है।
अभी इन डिसऑर्डर के इलाज में प्रभावी, सुरक्षित और सुविधाजनक तरीके से मरीजों की जरूरतें पूरी नहीं हो पाती हैं। तीनो कंपनियों के बीच हुई यह साझेदारी का उद्देश्य एक दूसरे की ताकत का लाभ उठाकर भारत में डॉक्टरों और मरीजों के लिए एक यूनीक वैल्यू प्रदान करने वाली एक इनोवेशन रणनीति तैयार करना है।
एकम्स ड्रग्स एंड फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड’ भारत की सबसे बड़ी कॉन्ट्रेक्ट रिसर्च & मैन्युफैक्चरिंग (CRAMS) कम्पनी है। पिछले कुछ ही सालों में यह कम्पनी भारतीय फार्मास्युटिकल मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री में एक बड़ा नाम बन गयी है। वर्तमान में एकम्स भारत की कुल दवाओं की जरूरतों का लगभग 12% मैन्युफैक्चर करता है।
यह आर्गेनाइजेशन डोज फॉर्म और थेरेप्टिक सेगमेंट के एक विस्तृत स्पेक्ट्रम में मैन्युफैक्चरिंग और एक्सपोर्ट के फोर्मुलेशन में काम करता है। एकम्स उन कंपनियों के लिए एक इंटिग्रेटेड सॉल्यूशन प्रोवाइडर के रूप में उभरा है जो कम्पनियाँ फोर्मुलेशन मैन्युफैक्चरिंग और फोर्मुलेशन डेवलपमेंट और टेस्टिंग के लिए एडवांस सॉल्यूशन चाहती हैं।
एकम्स में फार्मास्युटिकल कर्मियों के होने और स्टैण्डर्डइज प्रैक्टिस के क्रीम-डे-ला-क्रेम से कम्पनी प्रभावकारिता, सुरक्षा और गुणवत्ता के आधार पर राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मान्यता प्राप्त करने और विश्वास बनाने में सफल रही है। कम्पनी ईयू-जीएमपी और अन्य विभिन्न अंतरराष्ट्रीय मान्यता प्रमाण पत्रों को प्राप्त कर चुकी है। एकम्स के इनोवेटिव तरीकें प्रमाणित है।
ये सभी प्रोडक्ट और कांसेप्ट के लाइफ साइकल (जीवन चक्र) के सभी स्टेजों में फैले हुए है। जब नए विचारों और क्रियान्वयन की बात आती है, तो ऐसी कोई लिमिट नहीं है जिसे कम्पनी तय करती है। अपने R&D सेंटर में एकम्स नई चीजों को ईजाद करने के लिए हर संभव कोशिश करती है फिर चाहे यह नई चीज प्रोडक्ट, टेक्नोलॉजी, प्रक्रिया या कांसेप्ट हो।
कंपनी क्लिनिकल टेस्ट करती है, और इसके लिए व्यवस्था करती है, और बाजार में बेहतर फॉर्मूलेशन मशरूम प्राप्त करने के लिए वह सब कुछ करती है जो करना पड़ता है।
एकम्स ने कई बाजारों में अपनी उपस्थिति दर्ज की है। वर्तमान समय में एकम्स पूरे भारत में 15 पूर्ण-प्रमाणित, अत्याधुनिक मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटी चलाता है। इसके अलावा कम्पनी की मैन्युफैक्चरिंग में विशेषज्ञता है और वह कई करह के फोर्मुलेशन जैसे कि टैबलेट, कैप्सूल, ओरल लिक्विड, इंजेक्शन, क्रीम, मलहम आदि जैसे लगभग सभी प्रकार के मेडिकल चीजों को बेचती है।
वहीं लियुटिस फार्मास्युटिकल्स एलएलपी एक फार्मास्युटिकल प्रोडक्ट इनोवेशन कंपनी है जो विशेष प्रकार के चिकित्सीय क्षेत्रों में एडवांस ट्रीटमेंट के लिए इनोवेटिव प्रोडक्ट बनाती है। लियुटिस की नैनोथेराप्यूटिक्स में सिद्ध विशेषज्ञता है, उसके पास एक बेहतरीन रिसर्च एंड डेवलपमेंट ईको सिस्टम है और यह इनोवेशन करके अगली पीढ़ी की विशेष दवाओं की जरूरतों को पूरा करती है।
लियुटिस की ड्रग डिलीवरी मैनेजमेंट बाजार में काफी बढ़िया है, ख़ास करके दर्द प्रबंधन, सीएनएस डिसऑर्डर, कैंसर, इम्यूनोमॉड्यूलेटर्स, सीवीएस डिसऑर्डर, हार्मोनल डिसऑर्डर और सपोर्टिव केयर में इलाज को बेहतर बनाने के लिए ड्रग डिलीवरी मैनेजमेंट काफी बेहतर है।
वहीं बायोफोर फार्मास्यूटिकल्स प्राइवेट लिमिटेड एक स्थापित दवा कंपनी है जो जेनेरिक इंडस्ट्री के लिए विशिष्ट दवा उत्पादों का निर्माण करती है। भारत में बायोफोर की अत्याधुनिक, बहुउद्देशीय एक्टिव इन्ग्रेडिएन्ट मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटी cGMP मानकों का पालन करती हैं और अमेरिका और यूरोपीय यूनियन के ड्रग रेगुलेटरी अथारिटी के नियमों का भी पालन करती है।
हैदराबाद में इसका टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट सेंटर है जो बुनियादी ढांचे से लैस है। यहाँ पर ड्रग रिसर्च की पूरी प्रक्रिया को कांसेप्ट से लेकर रेगुलेटरी सबमिशन तक की सुविधा दी जाती है।
कंपनी ने अपने यूनीक पोर्टफोलियो के लिए 100 से ज्यादा ड्रग मास्टर फाइलें और 150 पेटेंट दायर किए हैं। बायोफोर दुनिया की प्रमुख एपीआई कंपनियों में से एक है, जो पिछले पांच सालों में यूएस एफडीए के साथ टॉप 10 यूएस डीएमएफ फाइलरों में शामिल है।
इस साझेदारी में कंपनियों का फोकस भारत और अन्य वैश्विक बाजारों दोनों में अगले पांच सालों के अन्दर क्षमताओं का तालमेल, रिसर्च का लाभ उठाना और विशिष्ट चिकित्सीय क्षेत्रों में नए उत्पादों को लांच करना है।
अगले दो सालों में कुछ उत्पादों को कामर्शियलाइज करने की भी उम्मीद है। ग्रेटर नोएडा में 30 नवंबर 2022 को सीपीएचआई कार्यक्रम और प्रदर्शनी में AIIMS दिल्ली ले फार्माकोलॉजी डिपार्टमेंट हेड और AIIMS भोपाल के अध्यक्ष, AIIMS जम्मू के अध्यक्ष तथा पूर्व डीन डॉ वीके गुप्ता की उपस्थिति में समझौते पर हस्ताक्षर किए गए।
डॉ वीके गुप्ता ने कहा, “वैश्विक फार्मा बाजार में भारत का योगदान काफी ज्यादा है। भारत को अगर ‘दुनिया की फार्मेसी’ कहा जाए तो इसमें कोई अतिश्योक्ति नहीं है। दुनिया की कई कंपनियां अलग-अलग रिसर्च और इनोवेटिव थेरेपी के लिए भारत की ओर देख रही हैं।
मैं यह जानकर उत्साहित हूं कि ल्यूटिस, बायोफोर और एकम्स ने इस तरह के अलग और विशेष उत्पादों को पेश करने के लिए साझेदारी की है। बेसिक रिसर्च एपीआई डेवलपमेंट और प्रोडक्ट मैन्युफैक्चरिंग से लेकर पूरी प्रक्रिया भारत में है। इस साझेदारी से भारतीय फार्मा इंडस्ट्री में यूनीक उत्पाद आयेंगे जिससे भारत का इस सेक्टर में ओहदा बढ़ेगा।”
एकम्स के प्रमोटर, डायरेक्टर और फाउंडर संजीव जैन ने इस साझेदारी पर अपनी टिप्पणी देते हुए कहा, “भारत और दुनिया के बहुत सारे मरीज उपरोक्त बीमारियों से जूझते हैं। ऐसे बीमारियों के इलाज के लिए सालों लगते हैं। लियुटिस और बायोफोर के सहयोग से हम बेहतर क्लिनिकल परिणामों के लिए डॉक्टरों और मरीजों को उपलब्ध कराए गए यूनीक उत्पादों को बाजार में लाने के लिए उत्साहित और प्रतिबद्ध हैं।”
बायोफोर के सीईओ और फाउंडर डॉ जगदीश बाबू रंगिसेट्टी का मानना है कि इस तरह की साझेदारी मेडिकल इंडस्ट्री में कई नए प्रोडक्ट लाने में सहायक होती है। उन्होंने कहा, “ग्लोबल फार्मा सेक्टर में दो अन्य बेहतरीन आर्गेनाइजेशन के साझेदारी करना बहुत ही उत्साह भरा कदम है।
इस साझेदारी का प्रमुख लक्ष्य क्लीनिकल परिणामों के माध्यम से विश्व स्तर पर प्रमाणित नए उपचार प्रदान करने और मरीजों के जीवन में सुधार लाने के लिए हमारी प्रमुख दक्षताओं, क्षमताओं और हमारे जुनून को एक साथ मिलाकर काम करना है।”
लियुटिस फार्मास्युटिकल्स एलएलपी के सीईओ के चन्द्रशेखर ने कहा, “इनोवेटिव थेरेपी से तरह की चीजें हो सकती हैं। एक हो सकता है कि दर्द को कम किया जाए और दूसरा हो सकता है कि जीवन की गुणवत्ता में सुधार किया जाए। इनोवेशन एक सहयोगी यात्रा है और मैं इस यात्रा का हिस्सा बनकर बहुत उत्साहित हूं।
मैं हेल्थकेयर प्रोवाइडर और मरीजों के लिए क्लीनिकली सिद्ध इनोवेशन के माध्यम से वैल्यू जोड़ के इस सहयोगी साझेदारी के प्रभाव से खुश हूं। इस साझेदारी के माध्यम से मैं रिसर्च और इनोवेशन के माध्यम से मरीजों की भलाई को बढ़ावा देने के अपने दृष्टिकोण को आगे बढ़ाने की आशा करता हूं। मुझे यह बताते हुए बहुत गर्व हो रहा है कि प्रोडक्ट, टेक्नोलॉजी, एपीआई और मैन्युफैक्चरिंग भारत में विकसित और निर्मित हो रही हैं।”
यह तीन कंपनियों की साझेदारी एकम्स को लियूटिस फार्मास्यूटिकल्स एलएलपी और बायोफोर से एपीआई द्वारा बनाए गए उत्पादों का निर्माण और कमर्शियलाइज करने में करेगी।
इन यूनिक प्रोडक्ट्स को भारत और बाकी दुनिया में लॉन्च किया जायेगा और बेचा जाएगा। हम भारत सरकार के “रिसर्च इन इंडिया, मेक-इन-इंडिया, मार्केट ग्लोबली” के सिद्धांत पर काम कर रहे हैं। हम ख़ास करके कारगर थेरेपी लाने और बीमारियों के इलाज में कमी को पूरा करने के लिए प्रयास कर रहे हैं।