शिमला। बिहार सरकार के साथ एसजेवीएन ने पटना में 1000 मेगावाट हाथीदह दुर्गावती पंप स्टोरेज परियोजना तथा अन्य पीएसपी के विकासार्थ एमओयू पर हस्ताक्षर किए।
एमओयू पर हस्ताक्षर के दौरान विजय कुमार सिन्हा,उप-मुख्यमंत्री, बिहार,
बिजेंद्र प्रसाद यादव, ऊर्जा मंत्री और योजना एवं विकास विभाग, नीतिश मिश्रा, उद्योग एवं पर्यटन मंत्री, बिहार सरकार तथा राज कुमार चौधरी, अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, एसजेवीएन सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
मुकेश कुमार शर्मा, महाप्रबंधक, बीडीई, एसजेवीएन तथा बंदना प्रेयसी, आईएएस (सचिव), उद्योग विभाग, पटना, बिहार सरकार द्वारा एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए। बिहार राज्य में पीएसपी के विकासार्थ लगभग
बिहार राज्य में पीएसपी के विकासार्थ लगभग 10,000 करोड़ रुपए का निवेश होगा तथा 5000 व्यक्तियों को प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार प्राप्त होगा।
विद्युत मंत्रालय, भारत सरकार ने एसजेवीएन को अगस्त 2022 में, बिहार में पंप स्टोरेज परियोजनाओं (पीएसपी) के विकासार्थ नोडल एजेंसी नियुक्त किया। इसके
इसके पश्चात, सचिव (ऊर्जा), बिहार सरकार ने 22 अगस्त 2022 को एसजेवीएन को चार पीएसपी नामतःतेलहरकुंड पीएसपी (
400 मेगावाट), सिनाफदर पीएसपी (345 मेगावाट), पंचगोटिया पीएसपी (225 मेगावाट) तथा हाथीदह दुर्गावती पीएसपी (1600 मेगावाट) आबंटित किए हैं। इन परियोजनाओं का रैंकिंग अध्ययन करने के पश्चात एसजेवीएन ने सबसे व्यवहार्य परियोजना हाथीदह दुर्गावती पीएसपी के लिए एक व्यवहार्यता स्टडीज़ रिपोर्ट (एफएसआर) तैयार की
इन परियोजनाओं का रैंकिंग अध्ययन करने के पश्चात एसजेवीएन ने सबसे व्यवहार्य परियोजना हाथीदह दुर्गावती पीएसपी के लिए एक व्यवहार्यता स्टडीज़ रिपोर्ट (एफएसआर) तैयार की, जिसकी प्रस्तावित क्षमता 1000 मेगावाट है।
बिहार के कैमूर जिले में दुर्गावती नदी पर अवस्थित हाथीदह दुर्गावती पीएसपी की स्थापित क्षमता 1000
मेगावाट (4×250 मेगावाट) है, जिसे अधिकतम 6.325
मिलियन यूनिट (मियू) दैनिक विद्युत तथा अधिकतम 2308.65 मियू वार्षिक विद्युत उत्पादन हेतु डिज़ाइन किया गया है। अनुमानित परियोजना लागत
अनुमानित परियोजना लागत 5,663 करोड़ रुपए है, जिसमें फरवरी 2024 के मूल्य स्तरों के आधार पर ₹9.39 प्रति किलोवाट घंटे (₹3 प्रति किलोवाट घंटा की पंपिंग विद्युत दर मानकर) का स्तरीकृत टैरिफ है।
वर्तमान में, एसजेवीएन महाराष्ट्र, कर्नाटक, मिजोरम तथा हिमाचल प्रदेश जैसे विभिन्न राज्यों में लगभग 12000 मेगावाट के पीएसपीएस विकसित कर रहा है।