एसजेवीएन ने 66 मेगावाट की धौलासिद्ध परियोजना के इलेक्ट्रो मैकेनिकल कार्यों के लिए अनुबंध समझौते पर किए हस्ताक्षर

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शिमला। एसजेवीएन ने आज मैसर्स वोइथ हाइड्रो (प्रा) लिमिटेड के साथ हिमाचल प्रदेश में 66 मेगावाट की धौलासिद्ध जलविद्युत परियोजना के इलेक्ट्रो-मैकेनिकल संकार्यों के लिए एक अनुबंध समझौते पर हस्ताक्षर किए।

नन्‍द लाल शर्मा, अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक की गरिमामयी उपस्थिति में एसजेवीएन के मुख्य महाप्रबंधक (ईसीडी) एस के सूद तथा मैसर्स वोइथ के उपाध्यक्ष, राज विद्यार्थी द्वारा अनुबंध समझौते पर हस्ताक्षर किए गए।

इस अवसर पर गीता कपूर निदेशक (कार्मिक), एस पी बंसल, निदेशक (सिविल), अखिलेश्वर सिंह, निदेशक (वित्त), सुशील शर्मा, निदेशक (विद्युत), संजीव कुमार, सीएफओ (मैसर्स वोइथ हाइड्रो (प्रा) लिमिटेड) तथा एसजेवीएन एवं मैसर्स वोइथ के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।

नन्‍द लाल शर्मा ने अवगत कराया कि 136.64 करोड़ रुपए के इलेक्ट्रो-मेकेनिकल संकार्यों को मैसर्स वोइथ हाइड्रो प्राइवेट लिमिटेड को अवार्ड किया गया हैं। परियोजना के सिविल तथा हाइड्रो-मैकेनिकल संकार्यों को पहले ही दिनांक 06 मई 2021 को अवार्ड कर दिया गया है। विभिन्‍न सिविल घटकों पर निर्माण गतिविधियां तीव्र गति से चल रही हैं।

शर्मा ने कहा कि भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 66 मेगावाट की धौलासिद्ध जल विद्युत परियोजना की आधारशिला दिनांक 27 दिसंबर, 2021 को रखी थी।

भारत सरकार ने पहले ही 687.97 करोड़ रुपए की परियोजना लागत को मंजूर प्रदान की तथा इस परियोजना के लिए 21.6 करोड़ रुपए की बजटीय सहायता भी प्रदान की है। परियोजना को मई 2025 में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।

इस अनुबंध पर हस्ताक्षर के साथ, धौलासिद्ध एचईपी के लिए इलेक्ट्रो मैकेनिकल घटकों के निर्माण का कार्य आरंभ हो जाएगा। इससे परियोजना की गतिविधियों में तेजी लाने और परियोजना को समय से पहले पूरा करने के लक्ष्य को प्राप्त करने में सुविधा होगी।

परियोजना की मुख्य विशेषताओं के बारे में बताते हुए शर्मा ने कहा कि इस परियोजना में 70 मी. ऊंचे कंक्रीट ग्रेविटी स्टोरेज बांध का निर्माण शामिल है। डैम टो सरफेस विद्युत गृह में वर्टिकल फ्रांसिस टरबाईन के साथ 33 मेगावाट प्रत्येक की दो इकाईयां स्‍थापित की जाएगी।

परियोजना से 90 प्रतिशत विश्‍वसनीय वर्ष में 304 मिलियन यूनिट का विद्युत उत्‍पादन होगा। परियोजना के पूरा होने पर पर्यावरण में वार्षिक 2.4 लाख टन कार्बन डाइऑक्साइड की कमी होगी। उन्होंने कहा कि इस परियोजना से 8 लाख मानव दिवस रोजगार का सृजन होगा।

वर्तमान में, एसजेवीएन के पास 16400 मेगावाट से अधिक का पोर्टफोलियो है तथा यह भारत, नेपाल एवं भूटान में जलविद्युत, ताप तथा सौर विद्युत में विभिन्‍न परियोजनाओं को कार्यान्वित कर रहा है।

कंपनी ने विद्युत पारेषण एवं पावर ट्रेडिंग के अन्य क्षेत्रों में भी विविधीकरण किया है। एसजेवीएन वर्ष 2023 तक 5000 मेगावाट, 2030 तक 25000 मेगावाट तथा वर्ष 2040 तक 50000 मेगावाट की स्थापित क्षमता के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में तीव्र गति से अग्रसर है।

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