शिमला। देश की राजधानी दिल्ली सहित अन्य राज्यों में प्रदूषण ने लोगो का जीना दुश्वार कर दिया है। दिल्ली में अब स्कूल भी एक सप्ताह के लिए बन्द कर दिए हैं।
ऐसे में प्रदूषण से राहत पाने के लिए लोग पहाड़ों का रुख कर रहे हैं। हिमाचल के पर्यटन स्थल इन दिनों पर्यटकों से गुलजार हो गए हैं। दिल्ली पंजाब हरियाणा में प्रदूषण स्तर बढ़ने से पर्यटक काफी तादात में शिमला मनाली सहित अन्य पर्यटन स्थलों पर पहुंच रहे हैं।
अन्य राज्यों के मुकाबले हिमाचल की हवा सबसे साफ है। यहां एयर क्वालिटी इंडेक्स सबसे बेहतर है। हिमाचल में शिमला की हवा सबसे साफ है।
हिमाचल प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के मुताबिक हिमाचल में शिमला में एक्यूआई का स्तर 40, मनाली में 82, धर्मशाला में 43, सुंदरनगर में 50, ऊना 57, डमडाल 53, परवाणु 45, पांवटा साहिब 86, काला अंब 57, बद्दी 109 और नालागढ़ में प्रदूषण का स्तर 80 है।
हिमाचल के बद्दी, डमटाल, कालाअंब, नालागढ़, परवाणु जैसे शहर औद्योगिक शहर हैं और यहां बड़े पैमाने पर फैक्ट्रियां हैं, लेकिन यहां पर भी एक्यूआई का स्तर संतोषजनक है।
हिमाचल में एक्यूआई लेवल 50 से 100 के बीच में है, जिसे संतोषजनक माना जाता है। हिमाचल में प्रदूषण ना के बराबर होने का मुख्य कारण कुछ स्थानों पर ही उद्योगों का होना है।
साथ ही गाड़ियों की संख्या भी पड़ोसी राज्यों के मुकाबले कम है। हिमाचल में वन क्षेत्र भी ज्यादा हैं। वहीं पराली जलाने की भी समस्या नहीं है। यहां पर धान और गेहूं के अवशेषों को चारे के रूप में इस्तेमाल किया जाता है, जिससे हिमाचल में प्रदूषण की समस्या नही है और यहां की आबोहवा देश भर में काफी शुद्ध मानी जाती है।
ऐसे में बाहरी राज्यों से हिमाचल पहुंच रहे लोग काफी राहत महसूस कर रहे हैं। शिमला शहर में 70 फीसदी तक होटल बुक हैं। 18 नवंबर के बाद कई होटलों में बुकिंग फुल है।
शिमला पहुंचे पर्यटको का कहना है कि दिल्ली में प्रदूषण काफी ज्यादा है। ऐसे में राहत पाने के लिए उन्होंने हिमाचल का रुख किया है।
दिल्ली में प्रदूषण की मात्रा बढ़ने से सांस लेने में भी दिक्कत आ रही है। उनका कहना है कि कुछ दिन अब शिमला में राहत की सांस लेने आए हैं। शिमला में जहां ताजा आबोहवा है वही यहाँ प्रदूषण जैसी समस्या नहीं है।
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव अपूर्वं देवगन ने कहा कि दिल्ली सहित अन्य कई राज्यो में प्रदूषण की मात्रा काफी बढ़ गई है लेकिन इसका हिमाचल पर कोई असर नही पड़ रहा है और हिमाचल में प्रदूषण की मात्रा न के बराबर है।