नेरवा, नोविता सूद। गर्मी का मौसम शुरू होते ही उपमंडल चौपाल के जंगल और घासनियाँ इस कद्र धधक उठी है कि आये दिन भड़क रहे शोलों से लाखों की निजी संपत्ति भी इस आग की भेंट चढ़ रही है।
बीते कल भी इसी तरह का एक वाक्या पेश आया जिसमे ग्रामीणों के आस्था के प्रतीक एक मंदिर सहित आठ सौ सेब के फलदार पौधे झुलस गए। नेरवा तहसील की ग्राम पंचायत चइंजन के छिनोग गाँव में एक घासणी में लगी आग हवाएं चलने से इस कद्र प्रचंड हो उठी कि इसकी चपेट में आने से गाँव में बना शिरगुल देवता का मंदिर मूर्ति और सामान सहित जलकर राख हो गया।
ग्राम पंचायत चइंजन के प्रधान हेत रक् कैंथला ने बताया कि आग इतनी भयानक थी कि इस पर काबू नहीं पाया जा सका तथा मंदिर सहित मंदिर के अंदर स्थापित देवता शिरगुल की मूर्ती और अन्य सारा सामान कुछ ही पलों में राख के ढेर में तब्दील हो गया।
कैंथला के अनुसार सेब के पौधे इस कद्र झुलस चुके है कि अब उनमे हरियाली आने की कोई भी ऊमीद नहीं बची है ! आग से राम लाल कांटा,पुत्र धर्मा,मोहर सिंह,पुत्र अनंत राम,लोकेन्द्र पुत्र गोपी चंद,हरीश पुत्र लच्छी राम, सुख राम पुत्र कर्मा,केवल राम पुत्र दौलत राम एवं सुरेंद्र पुत्र किरपा राम आदि ग्रामीणों के सेब के आठ सौ फलदार पौधे इस कद्र झुलस चुके है कि उनके दोबारा हरे होने की कोई भी ऊमीद नहीं बची है।
इस दौरान स्थानीय निवासी राम लाल का मकान भी आग की चपेट में आ गया था,परन्तु मौके पर इकट्ठा हुए ग्रामीणों ने सूझबूझ दिखाते हुए आग पर काबू पाते हुए बहुत बड़ी क्षति होने से बचा ली।
तहसीलदार नेरवा जगपाल सिंह ने बताया कि पटवारी कपिल द्वारा नुक्सान की रिपोर्ट बना कर भेज दी गई है ! प्रभावितों को शीघ्र ही सरकारी मैन्युअल के तहत राहत परदेअण की जाएगी।