शिमला। उच्च रक्तचाप की समस्या में विशेष लक्षण दिखाई नहीं देते। इस कारण हाई बीपी का आसानी से पता नहीं चल पाता है।
हाइपर टेंशन एक ऐसी बीमारी है जिसके होने पर भी जल्दी पता नहीें चलता और यही सबसे खतरनाक है। लगभग एक तिहाई लोगों को पता नहीं चलता कि वे हाइपरटेंशन से ग्रस्त है। इसलिए इस बीमारी को ‘साइलेंट किलर’ के रुप में भी जाना जाता है। इस बीमारी के लक्षण जल्दी नजर नहीं आते है। अगर कोई लक्षण नजर भी आते है तो वह सरदर्द, थकान है, जिसे लोग आम समस्या समझ कर नजरअंदाज कर देते है। ऐसे में रेग्यूलर चैकअप के बाद ही पता लगाया जा सकता है कि आपका ब्लड प्रेशर कितना अधिक है।
आप घर बैठे भी ब्लड प्रेशर की जांच कर सकते है।
ब्लड प्रेशर जैसी बीमारी को नजरअंदाज करना कई बार हार्ट अटैक, हार्ट फेलियर और स्ट्रोक आदि का कारण भी बन सकता है।
हाइपरटेंशन (हाई ब्लड प्रेशर) के संकेत :
नाक से खून बहना –
कई बार नाक से खून आना उच्च रक्त चाप के कारण हो सकता है। अगर आपको भी ऐसी कोई समस्या नजर आती है तो तुरंत डाॅक्टर के पास जाए।
लगातार सिरदर्द की समस्या होना –
लगातार सिरदर्द की समस्या होना भी अच्छा संकेत नहीं है। हालांकी यह समस्या बहुत सामान्य है। लेकिन हाई बीपी में भी कई बार सिरदर्द हो सकता है। अगर आपको भी ये समस्या है तो डाक्टर से चेक करवाएं।
सांस लेने में परेशानी होना –
जिन लोगो को हाई ब्लड प्रेशर जैसी समस्या होती है उन्हें कई बार सांस लेने में दिक्कत आ सकती है। यह हाइपरटेंशन का प्रमुख कारण होता है।
आंखो से संबंधित समस्या आना –
हाइपरटेंशन होने पर आंखो से संबंधित समस्या भी हो सकती है। यदि हाइपरटेंशन का इलाज नहीं किया जाए तो इसके कारण धुंधला दिखाई दे सकता है।
सीने में दर्द होना –
हाइब्लड प्रेशर का सबसे मुख्य लक्षण है सीने में दर्द होना। अगर आपको भी सीने में दर्द, भारीपन आदि महसूस होता है तो तुरंत अपने डाॅक्टर के पास जाकर चेक करवा कर इलाज करवाएं।
थकान होना –
कई बार हम किसी भी काम को करने में दिक्कत महसूस करते है। लेकिन हो सकता है कि यह हाईब्लड प्रेशर की समस्या के कारण हो। यदि आपका शरीर बिना मेहनत के ही थका महसूस करता है तो अपने ब्लड प्रेशर की जांच करें या फिर डाॅक्टर के पास जाएं।
इन सबके अलावा यदि आपको अधिक पसीना आना, तनाव बने रहना, बैचेनी होना, नींद न आने की समस्या, चिड़चिड़ापन, घबराहट आदि की समस्या होती है तो इसे गंभीरता से लेना चाहिए और समय समय पर चिकित्सक से परामर्श लेते रहना चाहिए!
हाइ ब्लड प्रेशर (Hypertension) से बचाव :
1. वजन पर नियंत्रण जरूरी है
मोटापा सभी बीमारियों की जड़ माना जाता है और यह गलत नहीं है। ओवर वेट या ओबीस होने पर आपके दिल पर बहुत दुष्प्रभाव पड़ता है और आपको लाइफस्टाइल से जुड़ी बीमारियां होने लगती हैं। अधिक वजन आपके ब्लड प्रेशर को बढ़ाता है!
2. जीवनशैली को सक्रिय बनाएं
मोटापे के पीछे वजह है हमारा लाइफस्टाइल। हमारी दिनचर्या से मेहनत वाले काम गायब हो रहे हैं और हम दिन भर ज्यादातर बैठे ही रहते हैं। इसे बदलने की जरूरत है। दिन भर ज्यादा से ज्यादा सक्रिय रहने की कोशिश करें।
सात्विक भोजन जैसे हरी सब्जियां एवं फल आपको सेहतमंद रहने में मदद कर सकते हैं।
3. पौष्टिक आहार
स्वस्थ हृदय के लिए स्वस्थ आहार सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है। बाहर का प्रोसेस्ड भोजन,जंक फूड बिल्कुल अवॉयड करें क्योंकि यह कोलेस्ट्रॉल बढ़ाता है, जो दिल के लिए खतरनाक होता है। इसके साथ ही अपने आहार में सोडियम (नमक), फैट (तेल) कम करें।
इसके बजाय भोजन में फल और सब्जियां ज्यादा से ज्यादा शामिल करें।
4. स्मोकिंग न करें
स्मोकिंग से अस्थायी रूप से ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है। सिगरेट पीना फेफड़ों को तो नुकसान पहुंचाता ही है साथ ही कार्डियोवस्कुलर तंत्र को भी हानि होती है। स्मोकिंग ‘अरथेरोस्क्लेरोसिस’ नामक बीमारी को जन्म देता है, जिसमें खून ले जाने वाली नसों में प्लाक जमने लगता है और नसें ब्लॉक होने लगती हैं। स्मोकिंग की लत आपके जीवन को भारी नुकसान पहुंचाती है।
5. शुरू से ही रक्तचाप को नियंत्रित रखें :
एक बार हाइपरटेंशन हो जाने के बाद आपके हाथ में कुछ नहीं रहता। इसलिए जरूरी है कि आप शुरू से ही ब्लड प्रेशर को चेक में रखें। शुरू से ही नियमित ब्लड प्रेशर जांच कराएं और ब्लड प्रेशर बढ़ाने वाली आदतों को छोड़ दें।
व्यायाम करना, पूरी नींद लेना, वजन नियंत्रित करना और उचित भोजन से आप ब्लड प्रेशर को नियंत्रित कर सकती हैं।
6. ब्लड शुगर लेवल काबू में रहे :
डायबिटीज में धीरे धीरे ब्लड वेसल्स और दिल डैमेज होता है जिसके कारण कार्डिएक अरेस्ट से लेकर स्ट्रोक तक का खतरा कई गुना बढ़ जाता है।
अगर आपके परिवार में डायबिटीज की हिस्ट्री है तो आप कम उम्र से ही ब्लड शुगर लेवल चेक कराएं और हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाएं।
7. कोलेस्ट्रॉल का स्तर नियंत्रित रखें :
बढ़े कोलेस्ट्रॉल से हाइपरटेंशन का जोखिम बढ़ जाता है।
कोलेस्ट्रॉल लेवल सही है या नहीं जानने का एक ही तरीका है, समय समय पर कोलेस्ट्रॉल टेस्ट कराएं।
चीनी और फैट का सेवन सीमित कर दें, व्यायाम करें और स्मोकिंग ना करें।
इन कुछ आदतों को कम उम्र में ही अपना लिया जाए तो “स्वस्थ जीवन” पाया जा सकता है।
सौजन्य
डॉ रमेश चंद्र
उपनिदेशक स्वास्थ्य विभाग