केन्द्र सरकार ने प्रदेश को दिए पांच पीएसए प्लांट

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शिमला। स्वास्थ्य विभाग के एक प्रवक्ता ने आज यहां बताया कि राज्य में वर्तमान में आक्सीजन उत्पादन की स्थापित क्षमता 85 मीट्रिक टन प्रतिदिन है और उपयोगिता क्षमता 67 मीट्रिक टन है।

उन्होंने कहा कि वर्तमान में राज्य में लगभग 56 मीट्रिक टन आक्सीजन का उपयोग हो रहा है। राज्य में 6300 डी-टाईप सिलेण्डर और 2250 बी-टाईप सिलेण्डर हैं।

उन्होंने बताया कि चिकित्सा महाविद्यालय टांडा में 15 किलो लीटर लिक्विड आक्सीजन क्रायो सुविधा कार्यशील है। आईजीएमसी में लगभग 350 डी-टाईप क्षमता का एयर पृथीकरण यूनिट कार्यशील है।

उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने अब प्रदेश के लिए पांच और पीएसए प्लांट अनुमोदित किए हैं, इन्हें डीआरडीओ के समन्वय से स्थापित किया जाएगा।

इनमें से दो प्लांट आईजीएमसी शिमला तथा क्षेत्रीय अस्पताल ऊना, क्षेत्रीय अस्पताल सोलन और मिल्ट्री अस्पताल योल में एक-एक प्लांट स्थापित किया जाएगा। हर प्लांट की क्षमता 1000 एलपीएम होगी।

इसके अतिरिक्त आईजीएमसी शिमला में 20 किलो लीटर क्रायोजैनिक टैंक स्थापित किया गया है और आगामी कुछ दिनों में इसका ट्रायल किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि पिछले कुछ माह में राज्यों में पीएसए प्लांट स्थापित किए गए हैं और वह डाॅक्टर वाईएसपीजीएमसी नाहन, पंडित जेएलएनजीएमसी चम्बा, डाॅक्टर आरकेजीएमसी हमीरपुर, जोनल अस्पताल धर्मशाला, डीडीयू शिमला और एसएलबीएसजीएमसी नेरचौक में कार्यशील हैं।

उन्होंने कहा कि सिविल अस्पताल पालमपुर और एमसीएच जोनल अस्पताल मंडी में 1000 एलपीएम के दो पीएसए प्लांट का निर्माण किया जा रहा है।

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