सुजानपुर। 5 साल तक क्षेत्र विशेष की राजनीति करने वाली बीजेपी को सिर्फ एक-दो चुनाव क्षेत्रों में ही विकास की दरकार दिखी है। शायद यही कारण रहा होगा कि प्रदेश में दो क्षेत्रों को छोड़कर शेष हिमाचल अभागा साबित होते हुए विकास से अछुता रहा।
यह बात प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष एवं विधायक राजेंद्र राणा ने सुजानपुर में अपने चुनावी जन संपर्क अभियान में आयोजित नुक्कड़ सभाओं में बीजेपी सरकार को रडार पर लेते हुए कही है।
राणा ने कहा कि सुजानपुर में इस सवाल का जवाब इसलिए भी अहम हो जाता है क्योंकि एक तरफ सरकार की ओर से सुजानपुर की पूरी तरह अनदेखी जारी रही और दूसरी ओर सुजानपुर बीजेपी के आका विकास को पूरी तरह रोककर बैठे रहे। यहां तक कि स्वीकृत बजट का विकास भी इसलिए नहीं होने दिया कि कहीं राणा का नाम न हो जाए।
राणा ने कहा कि सुजानपुर से किए गए पक्षपात व राजनीतिक द्वेष को लेकर सुजानपुर एक बार फिर बीजेपी को दिन में तारे दिखाएगा और फिर से जीत का एक नया इतिहास रचेगा। राणा ने सवाल खड़ा करते हुए कहा है कि बीजेपी बताए कि इन्वेस्टर मीट में कितने बेरोजगारों को रोजगार मिला?
प्रदेश में कितने उद्योग लगे? और कर्मचारियों के अहम व एकमात्र मुद्दे ओपीएस पर बीजेपी की बोलती क्यों बंद है? प्रदेश की जनता जवाब चाहती है। उन्होंने कहा कि बीजेपी को यह भी बताना होगा कि 30 हजार करोड़ का कर्जा कहां होम हुआ। क्योंकि विकास के नाम पर तो प्रदेश भर में सूना ही पसरा रहा।
राणा ने कहा कि हिमाचल दिवस के नाम पर अमृत महोत्सव आयोजनों पर सरकारी बजट के करोड़ों रुपए होम करने वाली बीजेपी ने सिर्फ अपनी पार्टी की मार्केटिंग करने का काम किया है, जो कि जनता के जहन में है। जिसका जवाब चुनाव में वोट की चोट करके बीजेपी को प्रदेश की जनता देगी।
राणा ने कहा कि लाखों युवाओं की बेरोजगारी के बीच अगर बीजेपी को कर्मचारियों की ओल्ड पेंशन की मांग नहीं सुनाई दे रही है तो निश्चित तौर पर बीजेपी की संवेदनाएं लोकहित को लेकर मर चुकी हैं।
अग्निवीर योजना ने न केवल हिमाचली सूरमाओं के हौंसलों को पस्त करने का काम किया है बल्कि हिमाचली फौलादी क्षमताओं पर भी प्रश्नचिन्ह लगाया है। शायद यही कारण है कि सरकार होने के बावजूद चुनाव प्रचार के पहले चरण में बीजेपी बुरी तरह पिछड़ कर रह गई है।