नई दिल्ली। मेक इन इंडिया मिशन की बदौलत भारत क्रिटिकल केयर के क्षेत्र में टेक्नोलोजी के मामले में आयात पर अपनी निर्भरता को तेजी से कम कर रहा है और आत्मनिर्भर भारत के इस मुहिम के समर्थन में इस सेगमेंट में अग्रणी कंपनियां स्वदेशी तकनीक के साथ आगे आ रही हैं।
इस दिशा में तेजी से आगे बढ़ते हुए अपने इनोवेटिव और उच्च गुणवत्ता वाले फार्मास्यूटिकल और हर्बल उत्पादों और साथ ही एपीआई की एक विस्तृत श्रृंखला के लिए प्रसिद्ध फार्मास्युटिकल कंपनी, गुफिक बायोसाइंसेज लिमिटेड ने भारत में पहली बार एफोर्डेबल कीमत पर न्यू ड्रग डिलिवरी सिस्टम: डुअल चैंबर बैग लांच किया है।
साथ ही कंपनी ने भारत में 3000 करोड़ रुपये के लियोफिलाइज्ड एंटीबायोटिक्स एंटीफंगल बाजार के एक बड़े हिस्से को हासिल करने का लक्ष्य निर्धारित किया है।
यह लांच इवेंट श्री प्रणव चोकसी, एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर, गुफिक बायोसाइंसेज लिमिटेड के गरिमामयी उपस्थिति में आयोजित की गई।
इस अवसर पर डॉ राजेश पांडे, क्लिनिकल डायरेक्टर ऑफ इंटेंशिव केयर, डॉ बीएल कपूर मेमोरियल, डॉ ध्रुव चौधरी, पूर्व आईएससीसीएम प्रेसिडेंट और डायरेक्टर, क्रिटिकल केयर, पीजीयू रोहतक, डॉ हर्ष सापरा, डायरेक्टर, न्यूरो क्रिटिकल केयर, मेदांता होस्पिटल गुड़गांव, और डॉ रजत अग्रवाल, डायरेक्टर क्रिटिकल केयर, फोर्टिस एस्कॉर्ट होस्पिटल दिल्ली मौजूद रहे।
मेक इन इंडिया अभियान में योगदान करते हुए, गुफिक बायोसाइंसेज ने भारत में इस नई तकनीक का निर्माण अपने फ्रांसीसी सहयोगी के साथ मिलकर किया है। भारत में अब तक डुअल चैंबर बैग का बड़े पैमाने पर आयात किया जाता था और मरीजों के लिए इसकी कीमत बहुत अधिक होती थी।
इसके विपरीत गुफिक बायोसाइंसेज ने न केवल एफोर्डेबल कीमत पर उच्च गुणवत्ता वाले डुअल चैंबर बैग लॉन्च किए हैं, बल्कि इन न्यू ड्रग डिलीवरी सिस्टम उत्पादों की शेल्फ-लाइफ भी लंबी है।
डॉ. देबेश दास, सीओओ, गुफिक बायोसाइंसेज लिमिटेड ने कहा, “हम क्रिटिकल केयर सेगमेंट में आयातित उत्पादों पर देश की निर्भरता को कम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसी विजन के साथ आगे बढ़ते हुए हमने भारत में वैश्विक मानकों के अनुरूप देश में ही निर्मित डुअल चैंबर बैग्स को पॉकेट-फ्रेंडली कीमत पर लॉन्च किया है। हमारे इस उत्पाद की मांग तेजी से बढ़ रही है और हम इस क्षेत्र में बाजार की प्रमुख हिस्सेदारी हासिल करने की ओर अग्रसर हैं।”
गुफिक बायोसाइंसेज द्वारा लॉन्च किए गए ये डुअल चैंबर बैग पॉलीप्रोपाइलीन (डीईएचपी मुक्त) से बने 2-चैम्बर IV बैग हैं, जिसमें एक हटाने योग्य एल्यूमीनियम की पन्नी होती है, जो उन अस्थिर दवाओं के भंडारण की सुविधा प्रदान करता है, जिन्हें रोगी के उपर इस्तेमाल करने से ठीक पहले पुनर्गठन की आवश्यकता होती है।
इसमें हटाने योग्य सील लियोफिलाइज्ड (या पाउडर) दवा और उसके डाइलुएंट को अलग करती है। इसके अलावा, यह उत्पाद अमेरिका और यूरोपीय संघ के फार्माकोपोएइआ का अनुपालन करता है और इसे सीजीएमपी(cGMP) के तहत आईएसओ (ISO7) क्लीन रूम में निर्मित किया जाता है।
गुफिक बायोसाइंसेज के डुअल चैंबर बैग्स (डीसीबी) की विशेषताएं और लाभ:
• यह रक्तप्रवाह में संक्रमण के जोखिम को कम करता है और इस तरह रोगी की सुरक्षा सुनिश्चित करता है।
• शीशियों के बजाय डीसीबी में दवा की स्थिरता बहुत अधिक होती है क्योंकि यह प्रकाश और नमी से पूर्ण सुरक्षा प्रदान करता है।
• बैग की बंद प्रणाली यह सुनिश्चित करती है कि उत्पाद स्टराईल है और यह हैंडलिंग के दौरान संदूषण के जोखिम से भी बचाता है।
• इसमें नाइट्रोसामाइन्स का इस्तेमाल नहीं किया गया है- इस वजह से विभिन्न अंगों और ऊतकों में कैंसर का कोई खतरा नहीं है।
• डीसीबी, टयूबिंग और ट्विस्ट-ऑफ पोर्ट डीईएचपी फ्री हैं और इस वजह से इससे कैंसर, बर्थ डिफेक्ट्स और अन्य रिप्रोडक्टिव नुकसान का कोई खतरा नहीं है।
• यह ग्लू फ्री है जिससे दवा के ग्लू से दूषित होने का जोखिम नहीं है।
• इसमें 2 अलग-अलग बैगों में इच्छित खुराक और डाइलुएंट पहले से ही भरी हुई होती है- जो सटीक खुराक, आसान हैंडलिंग, सील की अखंडता और उच्च स्थिरता प्रदान करती है।
• यह व्यक्तिगत उपचार व्यवस्था प्रदान करती है- जो अस्पताल के संदूषण से बचाती है और उच्च स्थिरता और सुविधा प्रदान करती है- इस प्रकार यह उत्पाद की गुणवत्ता और रोगी अनुपालन में काफी सुधार करता है।
• यह उच्च स्थिरता प्रदान करता है- यह लीचबिलिटी से बचाता है और साथ ही वायुजनित जीवाणु संदूषकों और सुई की स्टिक की चोटों से मुक्त है।
गुफिक बायोसाइंसेज के इन रेडी-टू-यूज डुअल चैंबर बैग्स की सबसे महत्वपूर्ण यूएसपी यह है कि ये संदूषण को रोकते हैं और दवा की शक्ति और प्रभावकारिता की रक्षा करते हैं।
साथ ही ये बैग पुनर्गठन के समय संभालने में आसानी प्रदान करते हैं और साथ ही दवा को डायलूट करने में होने वाली त्रुटियों से बचने में भी मदद करते हैं क्योंकि इसमें दवा साथ में उपयोग किए जाने वाले डायलुएंट की सटीक आवश्यक मात्रा के साथ मौजूद है।
इसका इस्तेमाल करने से ठीक पहले एल्यूमीनियम की पन्नी को हटाकर और बैग को मोड़कर और निचोड़कर पुनर्गठित किया जा सकता है, इस प्रकार डायलुएंट दवा वाले हिस्से में प्रवेश करता है और दवा के साथ मिल जाता है।
फिर इसे आईवी ट्यूबों की मदद से रोगी को सीधे आईवी इन्फ्यूजन के रूप में दिया जाता है।
भारत में लियोफिलाइज्ड इंजेक्शन के सबसे बड़े निर्माताओं में से एक के रूप में मान्यता प्राप्त, गुफिक बायोसाइंसेज के पास पूरी तरह से स्वचालित लियोफिलाइजेशन संयंत्र है।
कंपनी के उत्पाद पोर्टफोलियो में एंटीबायोटिक, एंटिफंगल, कार्डिएक, इनफर्टिलिटी, एंटीवायरल और प्रोटॉन-पंप इनहिबिटर सेगमेंट्स शामिल हैं। इनके उत्पादों की आपूर्ति सभी प्रमुख होस्पिटल चेन्स और प्रमुख मेडिकल फैसिलिटीज को की जाती है।