शिमला । गर्मियों के मौसम में हिमाचल के जंगल आग से जुलस रहे हैं। प्रदेश भर में जंगलों में आग की घटनाएं हर रोज सामने आ रही हैं। इस माह अब तक प्रदेश में 550 आग की घटनाएं सामने आ चुकी हैं जिसमें करोड़ों की वन संपदा जलकर राख हो रही है।
यहीं नही वन्यजीव भी इस आग में झुलस रहे हैं। हर साल वनों में आग लगती है। वन विभाग हर साल लोगों को जागरूक करने के लिए अभियान चलाने की बात तो करता है लेकिन आग को रोकने के लिए कोई गंभीर प्रयास नहीं किए जा रहे हैं।
ज्यादातर मामलों में लोगों द्वारा ही आग लगाई जाती है, जिससे वन संपदा को तो नुकसान तो होता ही है साथ में पर्यावरण भी प्रदूषित होता है।
राजधानी शिमला में भी बीते 30 दिनों से शहर के जंगलों में आग लग रही है। तारा देवी संकट मोचन के बाद अब टूटी कंडी के जंगल आग से जल रहे हैं।
वन विभाग के डीएफओ पब्लिसिटी विभाग अनीश कुमार ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में गर्मियों में आग की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। इस माह की बात करें तो अब तक 550 के करीब आग की घटना वन विभाग में रिपोर्ट हुई हैं।
प्रदेश में अलग-अलग हिस्सों से आग लगने की घटनाएं सामने आ रही है इनमें से अधिकतर आग लोगों द्वारा खुद लगाई जाती है जिससे वन संपदा को नुकसान हो रहा है साथ ही पर्यावरण भी प्रदूषित हो रहा है।
उन्होंने लोगों से अपील भी की थी वनों में इस तरह से आग ना लगाएं साथ ही उन्होंने कहा कि चीड़ के जंगलों में ज्यादा आग फैलती है जिसे नियंत्रित करना मुश्किल हो जाता है ऐसे में लोगों को एहतियात बरतनी चाहिए।