जानें छोटी इलायची के औषधीय गुण

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आज का हिन्दू पंचांग

दिनांक – 03 जनवरी 2022

दिन – सोमवार

विक्रम संवत – 2078

शक संवत -1943

अयन – दक्षिणायन

ऋतु – शिशिर

मास – पौस

पक्ष – शुक्ल

तिथि – प्रतिपदा रात्रि 08:31 तक तत्पश्चात द्वितीया

नक्षत्र – पूर्वाषढा दोपहर 01:33 तक तत्पश्चात उत्तराषाढा

योग – व्याघात 04 जनवरी रात्रि 01:25 तक तत्पश्चात हर्षण

राहुकाल – सुबह 08:38 से सुबह 10:00 तक

सूर्योदय – 07:17

सूर्यास्त – 18:08

दिशाशूल – पूर्व दिशा में

विशेष

प्रतिपदा को कूष्माण्ड (कुम्हड़ा, पेठा) न खाएं, क्योंकि यह धन का नाश करने वाला है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)

कार्य सिद्धि के लिए

ॐ गं गणपतये नमः

हर कार्य शुरु करने से पहले इस मंत्र का 108 बार जप करें, कार्य सिद्ध होगा।

इलायची

इलायची औषधीय रूप से अति महत्त्वपूर्ण है। यह दो प्रकार की होती है – छोटी व बड़ी।

छोटी इलायची :

यह सुंगधित, जठराग्निवर्धक, शीतल, मूत्रल, वातहर, उत्तेजक व पाचक होती है। इसका प्रयोग खाँसी, अजीर्ण, अतिसार, बवासीर, पेटदर्द, श्वास ( दमा ) तथा दाहयुक्त तकलीफों में किया जाता है।

औषधीय प्रयोग

अधिक केले खाने से हुई बदहजमी एक इलायची खाने से दूर हो जाती है।

धूप में जाते समय तथा यात्रा में जी मचलाने पर एक इलायची मुँह में डाल दें।

१ कप पानी में १ ग्राम इलायची चूर्ण डाल के ५ मिनट तक उबालें। इसे छानकर एक चम्मच शक्कर मिलायें। २ – २ चम्मच यह पानी २ – २ घंटे के अंतर लेने से जी – मचलाना, उबकाई आना, उल्टी आदि में लाभ होता है।

छिलके सहित छोटी इलायची तथा मिश्री समान मात्रा में मिलाकर चूर्ण बना लें। चुटकीभर चूर्ण को १ -१ घंटे के अंतर से चूसने से सूखी खाँसी में लाभ होता है। कफ पिघलकर निकल जाता है।

रात को भिगोये २ बादाम सुबह छिलके उतारकर घिसलें। इसमें १ ग्राम इलायची चूर्ण, आधा ग्राम जावित्री चूर्ण, १ चम्मच मक्खन तथा आधा चम्मच मिश्री मिलाकर खाली पेट खाने से वीर्य पुष्ट व गाढ़ा होता है।

आधा से १ ग्राम इलायची चूर्ण का आँवले के रस या चूर्ण के साथ सेवन करने से पेशाब और हाथ-पैरों की जलन दूर होती है।

आधा ग्राम इलायची दाने का चूर्ण और १-२ ग्राम पीपरामूल चूर्ण को घी के साथ रोज सुबह चाटने से ह्रदयरोग में लाभ होता है।

छिलके सहित १ इलायची को आग में जलाकर राख कर लें। इस राख को शहद मिलाकर चाटने से उलटी में लाभ होता है।

१ ग्राम इलायची दाने का चूर्ण दूध के साथ लेने से पेशाब खुलकर आती है एवं मूत्रमार्ग की जलन शांत होती है।

सावधानी :

रात को इलायची न खायें, इससे खट्टी डकारें आती हैं। इसके अधिक सेवन से गर्भपात होने की भी सम्भावना रहती है।

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