चढियार बनेगी तहसील, कर्मचारी- पेंशनर को मिली मायूसी, प्रदेश ने मनाया 55वां पूर्ण राज्यत्व दिवस

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25 हजार नौकरियों के लिए भर्ती प्रक्रिया जल्द होगी शुरू

शिमला/ कांगड़ा। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने आज कांगड़ा जिले के बैजनाथ में आयोजित 55वें पूर्ण राज्यत्व दिवस समारोह के दौरान हिमाचल प्रदेश के लोगों को शुभकामनाएं दीं।

उन्होंने राज्यत्व दिवस के अवसर पर पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और हिमाचल प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री डा वाई एस परमार के अपार योगदान को याद किया।

मुख्यमंत्री ने राष्ट्रीय ध्वज फहराया और पुलिस, होमगार्ड, आईआरबी बस्सी, आईआरबी सकोह, एसएसबी सपरी, जिला पुलिस कांगड़ा, यातायात पुलिस, एनसीसी कैडेट्स, स्काउट्स एंड गाइड्स और पुलिस बैंड की टुकड़ियों की सलामी ली। परेड कमांडर आईपीएस (प्रोबेशनर) रविनंदन के नेतृत्व में शानदार मार्च पास्ट प्रस्तुत किया गया।

मुख्यमंत्री ने चढ़ियार उप-तहसील को तहसील बनाने, चढ़ियार में लोक निर्माण विभाग का नया उप-मंडल खोलने तथा डिजिटल लाइब्रेरी स्थापित करने की घोषणा की। उन्होंने विस्तृत योजना के साथ तत्त्वानी के गर्म पानी के झरनों तथा खीर गंगा घाट को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की भी घोषणा की।

इसके अतिरिक्त पपरोला-बैजनाथ बाईपास मार्ग पर संसाली-भटवाली में बिनवा नदी पर पुल का निर्माण किया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने इंदिरा गांधी स्टेडियम बैजनाथ के सौंदर्यीकरण के लिए पर्याप्त धनराशि उपलब्ध करवाने का आश्वासन तथा संसाल में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की घोषणा की।

उन्होंने बैजनाथ ग्राम पंचायत के महलपत गांव में राजीव गांधी डे-बोर्डिंग स्कूल खोलने तथा बैजनाथ राजकीय महाविद्यालय में राजनीति विज्ञान तथा समाजशास्त्र में एमए पाठ्यक्रम शुरू करने की भी घोषणा की। पुलिस चौकी मुलथान की आठ पंचायतें, जिनमें बड़ाग्रां, कोठीकोहर, धरान, मुलथान, लुवाई, पोलिंग, स्वार्ड और बड़ा भंगाल शामिल हैं, अब पुलिस स्टेशन बाड़ी के अधिकार क्षेत्र में आएंगी, जिससे 35 गांवों के 7500 लोग लाभान्वित होंगे।

उन्होंने चरवाहों के लिए चरागाह भूमि के विकास और वन अधिकार अधिनियम के तहत उनके अधिकारों के संरक्षण की घोषणा की। उन्होंने कहा कि सरकार पारंपरिक मार्गों में विकासात्मक परिवर्तनों से उत्पन्न होने वाली समस्याओं का समाधान करेगी, पर्यावरण अनुकूल भेड़ और बकरी पालन को बढ़ावा देगी और ऊन संघ और ऊन बोर्ड को मजबूत करेगी।

ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि हालांकि मौजूदा सरकार को सत्ता में आए हुए दो वर्ष ही हुए हैं, लेकिन स्थिति ऐसी है कि पिछले कर्जों के मूलधन और ब्याज को चुकाने के लिए कर्ज लिया जा रहा है।

पिछले दो वित्तीय वर्षों में सरकार ने 30,080 करोड़ रुपये का कर्ज लिया है, जिसमें से 18,854 करोड़ रुपये, जो कुल का लगभग 63 प्रतिशत है, पिछली सरकार द्वारा लिए गए कर्ज के मूलधन और ब्याज को चुकाने में इस्तेमाल किया गया है।

उन्होंने कहा कि भाजपा के कार्यकाल में 2021-22 में राज्य को 10,249 करोड़ रुपये का राजस्व घाटा अनुदान मिला, जो 2023-24 में घटकर 6,258 करोड़ रुपये रह गया तथा अगले वित्त वर्ष में और घटकर 3,257 करोड़ रुपये रहने का अनुमान है।

वित्तीय बाधाओं के बावजूद, सरकार ने ऋण पर निर्भरता के बजाय संसाधन सृजन पर जोर दिया है। वर्तमान सरकार ने आबकारी, पर्यटन, ऊर्जा और खनन नीतियों में सुधारों के माध्यम से 2200 करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व कमाया है, जो राज्य के इतिहास में पहली बार हुआ है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आगामी वित्तीय वर्ष चुनौतीपूर्ण है, लेकिन राज्य के लोगों के सहयोग और देवताओं के आशीर्वाद से इन चुनौतियों पर काबू पा लिया जाएगा। पिछली सरकार ने हिमाचल प्रदेश के राजस्व को बढ़ाने के बारे में नहीं सोचा।

हमारी सरकार ने ‘व्यवस्था परिवर्तन’ के माध्यम से राज्य की तस्वीर बदलने के लिए महत्त्वपूर्ण प्रयास शुरू किए हैं। डेयरी, प्राकृतिक खेती, कृषि, बागवानी, मत्स्य पालन और ग्रामीण अर्थव्यवस्था जैसे क्षेत्रों को मजबूत करके हम ग्राम स्तर तक रोजगार और स्वरोजगार के अवसर पैदा कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने रोजगार सृजन को प्राथमिकता के रूप में रेखांकित किया, जिसमें पिछली भाजपा सरकार के तहत पांच वर्षों में 20,000 की तुलना में पिछले दो वर्षों में 42,000 से अधिक नौकरियां प्रदान की गईं हैं।

सरकारी क्षेत्र में 12,500 से अधिक पद भरे गए हैं, जिनमें प्रारंभिक शिक्षा विभाग में 3,202 पद शामिल हैं और 2025 में लगभग 8,000 और पद भरे जाएंगे।

इसमें 2,095 टीजीटी, शास्त्री और जेबीटी पद, साथ ही 245 विशेष शिक्षक और 6,297 एनटीटी शिक्षक शामिल हैं जबकि, उच्च शिक्षा विभाग 1,097 पद भरे गए हैं और 1,337 कर्मचारियों को नियमित किया गया है। उन्होंने कहा कि सीमित सीधी भर्ती के माध्यम से 769 कंप्यूटर शिक्षकों और अन्य के लिए भर्ती प्रक्रिया चल रही है।

उन्होंने कहा कि पुलिस विभाग में 1,088 कांस्टेबलों की भर्ती प्रक्रिया शुरू हो गई है और 2,061 वन मित्रों के परिणाम घोषित किए गए हैं। इसके अलावा जल शक्ति विभाग में 3,000 पद भरे गए हैं।

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