हमीरपुर। सत्ता की मनमानियों से हर वर्ग को आर्थिक बदहाली में धकेलने में लगी हुई बीजेपी सरकार ने अब इंडियन आर्मी की पेंशन घटाने की तैयारी की है। यह बात प्रदेश कांग्रेस सोशल मीडिया के चेयरमैन अभिषेक राणा ने यहां जारी प्रेस बयान में कही है।
उन्होंने कहा कि इसका सबसे ज्यादा असर हिमाचली आवाम पर पड़ेगा, क्योंकि हिमाचल वीरभूमि है और यहां करीब-करीब तीसरे घर से कोई न कोई जवान हर स्तर पर सेना में सेवाएं दे रहा है जिससे सेवानिवृत्ति के बाद परिवारों के भरण-पोषण का दायित्व पूरी तरह से पूर्व सैनिकों पर रहता है।
प्रदेश में सबसे ज्यादा सैनिक हमीरपुर संसदीय क्षेत्र के 17 विधानसभा क्षेत्रों से सेना में सेवाएं दे रहे हैं। इसी क्षेत्र में सबसे ज्यादा पूर्व सैनिक मौजूद हैं। हमीरपुर संसदीय क्षेत्र को परमवीर चक्र मिलने का गौरव भी हासिल हुआ है।
हैरानी यह है कि अब इस मामले पर टेरिटोरियल आर्मी के लेफ्टिनेंट व हमीरपुर के सांसद जो केंद्र में वित्त राज्य मंत्री का प्रभार भी संभाले हुए हैं, पूरी तरह से चुप्पी साधे हुए हैं। हालांकि हर चुनाव में सैनिकों व पूर्व सैनिकों की वकालत करते हुए बीजेपी के सांसद सैनिकों को लेकर बड़ी-बड़ी डींगें हांकते हैं लेकिन इस मामले पर उनकी चुप्पी बता रही है कि बीजेपी को सिर्फ अपनी सत्ता से मतलब है और सत्ता संभालते ही वह अपनी मनमानियों पर उतर आती है।
जय जवान जय किसान की सोच इस देश की बुनियाद रही है। लेकिन अब बीजेपी के राज में यह नारा महज एक नारा बन कर रह गया है, जो या तो किसी सरकारी कार्यक्रम में सुना जाता है या चुनाव से पहले बीजेपी सैनिक परिवारों को बरगलाने के लिए उनके हितों में झूठी घोषणाएं करती है जबकि हकीकत में बीजेपी न किसान के हितों की पैरवी कर पाई है और न ही जवान के हितों की पैरवी कर पाई है।
आलम यह है कि मजबूर बेबस किसान आज सड़कों पर मर रहा है, जबकि जवान देश की सरहदों पर लड़ रहा है।