विधानसभा सत्र का चौथा दिन हंगामे के साथ हुआ शुरू

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शिमला। विधानसभा मॉनसून सत्र का चौथा दिन आज फिर हंगामे के साथ शुरू हुआ। कार्यवाही के शुरू होते ही नेता विपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने मुख्यमंत्री द्वारा पिछले कल सदन में विपक्ष के लिए इस्तेमाल किये गए शब्दों पर एतराज जताया और इन्हें वापिस लेने की मांग की।

मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने कहा कि उन्होंने नियम 67 के अंतर्गत हुई चर्चा को आराम से सुना। वहीं जब वह जवाब दे रहे थे तो विपक्ष पूरा समय नारेबाजी करता रहा और तालियां बजाता रहा।

जय राम ठाकुर ने कहा कि उन्होंने यही कहा कि अगले जन्म में खुशियों के माहौल में पैदा हों और तालियां बजती रहें। विपक्ष इसको अन्यथा ना ले। वहीं बेशर्म शब्द भी उन्होंने किसी एक व्यक्ति के लिए इस्तेमाल नहीं किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि विपक्ष ने भी सदन में दलाल जैसे कई गलत शब्द इस्तेमाल किये। उन्होंने कहा कि उनकी मंशा किसी की भी भावना को आहत करने की नहीं थी, उल्टे विपक्ष ने डेढ़ घंटे तक हमारी भावनाएं आहत कीं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि भावनाएं दोनों तरफ हैं। उन्होंने कहा कि विपक्ष भी ख्याल रखे और वह भी ध्यान रखेंगे। वहीं उन्होंने विपक्ष को सलाह दी कि यदि कोई चीज दान कर दी तो उसका जिक्र बार बार नहीं करना चाहिए जैसे विपक्ष अपनी सैलरी का 30 परसेंट दान देने पर बार बार एहसान जता रहा है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस इस बारे लिख कर दे दे।

मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि आज के अखबारों में मुख्यमंत्री द्वारा इस्तेमाल गए शब्द छपे हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सदन के नेता हैं, उनको मर्यादा में रह कर बात करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि पिछले सदन में जब वीरभद्र सिंह मुख्यमंत्री थे तो भाजपा ने उनके खिलाफ बहुत नारेबाजी की। उन्होंने मुख्यमंत्री से उनके द्वारा बोले गए शब्दों को वापिस लेने की मांग की। उन्होंने कहा कि वह लिख कर भी दे दें तो भी मुख्यमंत्री उन्हें सैलरी वापिस नहीं कर सकते।

संसदीय कार्य मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा कि पिछले सदन में बहुत बार ऐसे शब्दों का प्रयोग किया गया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कर दिया है कि उनकी ऐसी कोई मंशा नहीं थी।

वहीं इस दौरान वन मंत्री राकेश पठानिया तैश में आ गए और उन्होंने कहा कि विपक्ष ने कल कई बार पाकिस्तान का नाम लिया तो क्या वो पाकिस्तान के दलाल हैं।

विधानसभा अध्यक्ष विपिन सिंह परमार ने कहा कि वह रिकॉर्ड की पड़ताल करके देखेंगे कि क्या बोला गया है। वह छानबीन करेंगे और उसके बाद अपना निर्णय देंगे।

इसके बाद ही प्रश्नकाल शुरू हो पाया।

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