वरिष्ठजनों को मनोरंजक स्थान प्रदान करने के लिए विकसित होंगे 100 उद्यान एवं पार्क

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शिमला। राज्य सरकार ने वरिष्ठ नागरिकों को सौगात देते हुए प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों के सभी 78 खंडों में बुजुर्गों के लिए मनोरंजक स्थान बनाने के लिए 100 पंचवटी पार्क और उद्यान स्थापित करने की प्रक्रिया शुरू की है।

ग्रामीण विकास विभाग द्वारा अधिसूचित पंचवटी योजना का शुभारंभ हाल ही में मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने किया था जिसके अंतर्गत खेल क्षेत्रों के साथ पार्क स्थापित किए जाएंगे। इन पार्कों को मुख्य रूप से वरिष्ठ नागरिकों के लिए डिजाइन किया जाएगा ताकि वे अपने स्वास्थ्य में सुधार कर सकें।

पहले चरण में योजना के तहत जिला मंडी के विकास खंड गोहर में इन पार्कों के निर्माण के लिए भूमि चिन्हित की गई है। इसी तरह जिला ऊना में बंगाणा, जिला कुल्लू में बंजार और नग्गर, लाहौल-स्पीति जिले में काजा, कांगड़ा में नगरोटा बगवां और सुलह जिला, सिरमौर जिले में पांवटा साहिब, चंबा जिले में तीसा और भटियात, किन्नौर जिले में कल्पा, सोलन जिले में कंडाघाट, शिमला जिले में रोहड़ू और हमीरपुर जिले के नादौन में भूमि का चयन किा गया है।

यहां बुजुर्गों की शारीरिक, भावनात्मक और सामाजिक आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए इन पार्कों में विभिन्न प्रकार की गतिविधियाँ उपलब्ध कराई जाएंगी।

पंचायती राज और ग्रामीण विकास मंत्री वीरेंद्र कंवर के अनुसार इन पार्कों पर प्रारंभिक कार्य कुछ स्थानों पर शुरू किया गया है और उपर्युक्त सभी खंडों में पार्कों पर निर्माण कार्य चालू वित्त वर्ष के दौरान पूरा किया जाएगा, जबकि शेष 80 पार्कों और उद्यानों को दिसंबर 2021 तक चरणबद्ध तरीके से विकसित किया जाएगा।

प्रत्येक पार्क में अत्याधुनिक व्यायाम और मनोरंजन के उपकरण, एक मीटर चैड़ा और 150 मीटर लंबा जोगिंग ट्रैक, पैदल चलने का ट्रैक, योग और ध्यान की कक्षाओं के लिए एक विशेष स्थान, महिलाओं और पुरूषों के लिए शौचालय, और सोलर लाइटें होंगी।

यहां वरिष्ठ नागरिक विशेष रूप से दूर-दराज और जनजातीय क्षेत्रों में रह रहे वरिष्ठजन अपना समय फलदायी रूप से व्यतीत कर सकेंगे।

वीरेंद्र कंवर ने कहा कि पार्क और उद्यान विकसित करने पर पर लगभग 10 लाख रुपये व्यय किए जाएंगे। मनरेगा, स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) और 14वें वित्त आयोग के बजट प्रावधान के साथ पूरे राज्य में ऐसे 100 पार्कों के निर्माण पर 10 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।

उन्होंने कहा कि पहाड़ी और कठिन भूभाग पर अतिरिक्त राशि मंजूर की जा सकती है, जहां कठिन भौगोलिक स्थानों के कारण निर्माण लागत में काफी वृद्धि होने की संभावना है।

प्रत्येक पार्क में बेंच, फूलों का क्यारी, चारदीवारी, पार्क के चारों ओर बाड़, शौचालय, कूड़ादान, व्यायाम और मनोरंजन के उपकरण, आयुर्वेदिक और औषधीय पौधे जैसे आंवला, नीम, तुलसी और एलोवेरा होंगे।

पार्कों में घास (लाॅन) भी उगाई जाएगी। इन पार्कों का उपयोग स्वयं सहायता समूहों के स्थानीय उत्पादों की बिक्री को बढ़ावा देने के लिए भी किया जाएगा ताकि ग्रामीण स्तर पर अतिरिक्त आर्थिक गतिविधियां और रोजगार के अवसर पैदा किए जा सकें।

ये पार्क राज्य के सभी 78 खंडों में ग्रामीण विकास विभागों के विशेषज्ञों द्वारा एक बीघा से दो बीघा भूमि पर स्थापित किए जाएंगे, जबकि इनका रख-रखाव और प्रबंधन स्थानीय पंचायती राज संस्थानों द्वारा किया जाएगा।

ऊंचाई वाले क्षेत्रों और जनजातीय क्षेत्रों में पार्क क्षेत्र लगभग एक बीघा होगा जबकि निचले क्षेत्रों में इस क्षेत्र को दो बीघा या उससे अधिक तक बढ़ाया जा सकता है, जो क्षेत्र में उपयुक्त भूमि की उपलब्धता पर निर्भर करेगा।

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