वनों के जरिए रोजगार के साधन किए जाएंगे विकसित: राकेश पठानिया

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धर्मशाला। वन, युवा सेवाएं एवं खेल मंत्री राकेश पठानिया ने कहा कि केन्द्र सरकार के सहयोग से कांगड़ा जिला में राष्ट्रीय खेल विश्वविद्यालय की स्थापना की जाएगी।

उन्होंने बताया कि खेल विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए विस्तृत प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय की स्थापना से जिला व प्रदेश के युवा खिलाड़ियों को प्रशिक्षण एवं प्रतिभा दिखाने के बेहतर अवसर प्राप्त होंगे।

राकेश पठानिया मंगलवार को मिनी सचिवालय के कैबिनेट हॉल में प्रेसवार्ता को सम्बोधित कर रहे थे।
पठानिया ने कहा कि विकास की दृष्टि से जिला कांगड़ा प्रदेश में अग्रिम स्थान पर है और वर्तमान सरकार द्वारा कांगड़ा के विकास के लिए हरसंभव सहयोग प्रदान किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में देश-विदेश में फल राज्य के रूप में अपनी विशेष पहचान बनाई है। इस क्षेत्र में प्रदेश के लाखों लोगों को प्रत्यक्ष एवं परोक्ष रूप से रोजगार प्राप्त हो रहा है। उन्होंने बताया कि इजरायल के सहयोग से प्रदेश में आम की एक नई सदाबहार हाईब्रिड प्रजाति को लाने का प्रयास किया जा रहा है।

इस प्रजाति से प्रदेश के बागवानों को वर्ष में दो बार फल उत्पादन प्राप्त होगा। उन्होंने कहा कि इस महत्वकांक्षी परियोजना में प्रदेश सरकार द्वारा काफी बड़ा निवेश किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि बागवानी मिशन के तहत जिला के लिए 40 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।

उन्होंने कहा कि आम के अलावा लीची किन्नू, संतरा, अमरूद की भी हाईब्रिड प्रजातियां लाई जा रही हैं जिससें जिला के बागवानों की आमदनी दौगुना करने में सहायता मिलेगी।

पठानिया ने कहा कि वनों के जरिए रोजगार के साधन विकसित किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि हिमाचल में 66 प्रतिशत एरिया जंगलों के अधीन आता है और जंगल हमारे लिए बेशकीमती हैं जिनके जरिए ज्यादा से ज्यादा राजस्व बढ़ाया जा सकता है। इसके लिए बड़े स्तर पर प्लानिंग की जाएगी।

उन्होंने कहा कि वन विभाग के अधीन जो प्रोजेक्ट प्रदेश में चल रहे हैं उनके जरिए भी ज्यादा से ज्यादा राजस्व जुटाने के प्रयास किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि जंगलों में खैर और चीड़ के पेड़ आमदनी का एक बड़ा स्रोत है और चीड़ और खैर को कैशक्राप बनाया जा सकता है।

इसके लिए एक प्लान तैयार करवाया जाएगा। इसके तहत बेरोजगार युवाओं के लिए घर द्वार पर ही सब रोजगार के अवसर सृजित किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि वनों को रोजगार के एक उत्तम जरिया बनाया जाएगा जिसके लिए सुनियोजित तरीके से योजनाएं क्रियान्वित की जाएगी ताकि प्रदेश के ज्यादा से ज्यादा बेरोजगार युवाओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा हो सकें।

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