हमीरपुर। महंगाई व महामारी से जूझ रही त्रस्त जनता को सरकार ने फिर से तगड़ा झटका दिया है। इस बार आउटस्टैंडिंग रिकवरी के नाम पर बिजली के बिल बढ़ाकर प्रदेश के नागरिकों के लिए नई परेशानी पैदा की गई है।
महंगाई व महामारी में पिस चुकी जनता का अब रोज किसी न किसी बहाने सरकार कचूमर निकालने पर आमादा हो गई है। यह बात राज्य कांग्रेस उपाध्यक्ष एवं विधायक राजेंद्र राणा ने यहां जारी प्रेस बयान में कही है।
राणा ने कहा कि पूरे प्रदेश भर से उन्हें यह शिकायतें मिली हैं कि जिनका बिजली का बिल 1000 रुपए खपत के हिसाब से बनता है, उनको आउटस्टैंडिंग के नाम पर 2 हजार रुपए और जोड़कर तीन-तीन हजार रुपए बिल थमाया जा रहा है।
ऐसे ही अगर किसी व्यवसासी का बिल 10 हजार रुपए बनता है तो उसे 20 हजार रुपए आउटस्टैंडिंग रिकवरी देनी होगी। कमोवेश लूट की यह स्थिति समूचे प्रदेश में एक जैसी है, जहां कोरोना के कारण बेरोजगारी से त्रस्त जनता महंगाई से जैसे-कैसे जूझने में लगी है।
इस पर सरकार किसी न किसी बहाने अब नागरिकों पर अतिरिक्त बोझ डालकर वसूली में लगी हुई है।
राणा ने कहा कि उन्हें चंबा से लेकर सिरमौर तक के कई लोगों ने बताया कि हिमाचल प्रदेश स्टेट इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड ने बिलिंग सॉफ्टवेयर में ही अब यह आउटस्टैंडिंग के नाम पर नई वसूली ऐड कर दी है जिसने प्रदेश के नागरिकों की परेशानी और बढ़ाई है। राणा ने कहा कि केंद्र हो या भाजपा शासित राज्य
सरकारें राजधर्म छोड़कर लूट धर्म पर जनता को त्रस्त कर रही हैं। जिससे लोगों का भरोसा लोकतंत्र से पूरी तरह खत्म होने लगा है।
संविधान व राजधर्म के मुताबिक जनता को संकट के समय राहत देना सरकारों का दायित्व व धर्म रहा है, लेकिन बीजेपी के नए राज के प्रचलन में संकट काल में जनता को जमकर तरह-तरह के बहानों से लूटा जा रहा है।