शिमला 20 जून, 2020: गऊ सदनों में पशुओं की क्षमता को बढ़ाने के लिए मनरेगा के तहत शेड निर्मित किए जाएंगे ताकि लावारिस पशुओं को आश्रय मिल सके। यह बात खंड विकास अधिकारी मशोबरा बीआर वर्मा ने शनिवार को गऊ सदन चमियाणा, टूटू और चौरीधार में चल रहे गऊ सदनों का निरीक्षण के दौरान संबधित समिति के सदस्यों के साथ सांझा करते हुए कही।
बता दें कि सरकार द्वारा गऊ सदन के शैड निर्माण के लिए मनरेगा में शैल्फ की शर्त को हटाया गया है ताकि पंचायतें आसानी से गऊ सदन का निर्माण कर सकें।
उन्होंने गऊ सदन संचालकों को निर्देश दिए कि वह गऊ सदन में पशुओं की क्षमता बढ़ानें के लिए भूमि संबधी दस्तावेज व अन्य औपचारिकताएं पूर्ण करके खंड विकास अधिकारी कार्यालय को भेंजे ताकि मनरेगा के तहत 30 पशुओं के रखने की क्षमता वाले शैड निर्माण के लिए मनरेगा के तहत धनराशि का प्रावधान किया जा सके।
इसके अतिरिक्त यदि कोई पंचायत अपने क्षेत्र में गऊ सदन का संचालन करना चाहती है तो इसके लिए पंचायतें शैड निर्माण के लिए मनरेगा के तहत स्वीकृति प्राप्त कर सकते हैं।
गौर रहे कि वर्तमान में मशोबरा के ब्लॉक में पांच गऊ सदन संबधित पंचायतों एवं लोगों द्वारा संचालित किए जा रहे हैं, जिसमें मां कामनापूर्ति गऊ सदन टूटू में 55 पशु, चमियाणा गऊ सदन में 20 और चौरीधार में 50 मवेशी रखे गए हैं।
इसके अतिरिक्त क्यारकोटी और बागी पंचायत के जाठिया देवी में भी स्थानीय लोगों द्वारा गऊ सदन संचालित किए जा रहे हैं।