हमीरपुर। कोविड-19 के शुरू हुए संकट से आर्थिक तौर पर बदहाल हुई जनता को सरकार अभी तक कोई राहत नहीं दे पा रही है। यह बात प्रदेश कांग्रेस सोशल मीडिया के चेयरमैन अभिषेक राणा ने यहां जारी प्रेस बयान में कही है।
अभिषेक ने कहा कि सबसे बड़ी चिंता का विषय यह है कि आर्थिक संकट से जूझ रहे प्रदेश के नौजवान अब आत्महत्या जैसे घातक कदम उठा रहे हैं। जिनमें मिडल क्लास के बेरोजगार व कारोबारी इस आर्थिक संकट से बेहद तनावग्रस्त हैं।
उन्होंने कहा कि अकेले अप्रैल व मई महीने के आंकड़े बता रहे हैं कि प्रदेश में 122 लोगों ने आत्महत्या जैसा घातक कदम उठाया है। जबकि जून माह के पहले पखवाड़े में एक दर्जन के करीब लोगों ने आत्महत्या की है।
कारण साफ है कि सरकार द्वारा राहत के लिए की गई घोषणाएं जमीनी स्तर पर कोई राहत नहीं दे पाई हैं। जिस कारण से लॉकडाउन में बेरोजगार हुए लोग परिवार के भरण-पोषण में खुद को नाकामयाब पाकर तनावग्रस्त हो रहे हैं।
उन्होंने कहा कि कोविड संकट के बीच आर्थिक बदहाली के कारण प्रदेश में मिडल क्लास परिवारों की संख्या में नए गरीबों का आंकड़ा बढ़ा है। केंद्र सरकार के आश्वासनों के बावजूद इस वक्त बेरोजगार हुए नौजवानों को न तो बैंक कोई राहत दे पा रहे हैं और न ही सरकार की कोई घोषणा जमीनी स्तर पर राहत देने में कामयाब हुई है।
20 लाख करोड़ की घोषणा जनता के लिए हवा हवाई घोषणा साबित हुई है। सरकारी संस्थान किसी भी घोषणा या सरकारी गाइड लाईन पर अमल नहीं कर रहे हैं। ऐसे में बेरोगजार हुए नौजवान हताश व निराश हैं।