हमीरपुर। एनआईटी हमीरपुर में भर्तियों को लेकर राज्य कांग्रेस उपाध्यक्ष एवं विधायक राजेंद्र राणा ने सांसद अनुराग ठाकुर पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि समझ में यह नहीं आ रहा है कि एनआईटी हमीरपुर में हुए भर्ती घोटाले पर अनुराग ठाकुर चुप क्यों हैं?
राणा ने तंज कसते हुए कहा कि कहीं भर्ती घोटाले में किसी समझौते के कारण तो यह चुप्पी नहीं साधी गई है। उन्होंने कहा कि केंद्र द्वारा नियंत्रित व संचालित एनआईटी हमीरपुर में भाई-भतीजा व समुदाय विशेष के नाम पर अंधाधुंध भर्तियां हुई हैं। इस भर्ती भ्रष्टाचार के कारण जहां एक ओर पढ़े लिखे हिमाचली युवाओं के हितों पर डाका डाला गया है, वहीं नियमों को ताक पर रखकर निजी संस्थानों से पढ़े लोगों की भर्ती की गई है।
उन्होंने कहा कि दूसरी ओर एनआईटी में काम करने वाले सैंकड़ों स्थानीय लोग संस्थान के पक्षपाती रवैये से आहत और प्रताडि़त हो रहे हैं। राणा ने कहा क्योंकि एनआईटी हमीरपुर मिनिस्ट्री ऑफ हयूमन रिसोर्स डिवेलपमेंट के अधीन आता है और अनुराग ठाकुर वर्तमान में हमीरपुर संसदीय क्षेत्र की ओर से जनादेश हासिल करके प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।
ऐसे में इस भर्ती घोटाले की जवाबदेही व जिम्मेदारी जनप्रतिनिधि होने के नाते अनुराग ठाकुर की भी उतनी ही बनती है, जितनी की संस्थान में चले भर्ती घोटाले की, लेकिन अनुराग ठाकुर हैं कि वह इस मामले पर पूरी तरह चुप्पी साधे हुए है।
राणा ने मांग की है कि एनआईटी में भर्तियों को लेकर एक सुनियोजित षडय़ंत्र के तहत बड़े घोटाले को अंजाम देकर एनआईटी हमीरपुर का कार्यालय को छोटा उत्तर प्रदेश बनाने का सफल प्रयास किया गया है।
एनआईटी के भर्ती घोटाले में करोड़ों का गोलमाल किया गया है, जिसमें समुदाय विशेष के साथ रिश्तेदारों की भर्ती भी की गई है, जिससे एनआईटी की रैंकिंग लगातार गिर रही है और अब आलम यह है कि एनआईटी हमीरपुर लगातार पिछड़ते हुए 13वें स्थान से सीधा 98वें रैंक पर जा पहुंचा है।