हमीरपुर। अब एनआईटी की तर्ज पर हिमाचल प्रदेश टेक्निकल यूनिवर्सिटी में भी नियुक्तियों को लेकर कथित सत्ता संरक्षित भ्रष्टाचार का मसौदा शुरू होने की चर्चाएं हैं। यह आरोप प्रदेश कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष एवं सुजानपुर के विधायक राजेंद्र राणा ने लगाया है।
राजेंद्र राणा ने कहा है कि विज्ञापन नं 04/2019 के माध्यम से अडिशनल कंट्रोलर ऑफ एग्जामिनेशन की पोस्ट विज्ञापित की गई है। यह पोस्ट सेकंडमेंट बेसिस के आधार पर भरी जानी है। युनिवर्सिटी के कैंप ऑफिस से जारी हुई इस एडवर्टाइजमेंट में 8400 ग्रेड पे वाले आवेदकों को ही अप्लाई करने की शर्त रखी गई थी।
यह शर्त यूनिवर्सिटी के कैंप ऑफिस द्वारा रखी गई थी। राणा ने कहा कि उन्हें जानकारी दी गई है कि इस पोस्ट के लिए करीब 6 लोगों ने आवेदन किया था, लेकिन यूनिवर्सिटी ने आवेदक कर्ताओं की टर्म एंड कंडीशन पूरी न होने का हवाला देकर इस इंटरव्यू को रद्द कर दिया गया था।
उसके बाद इस पोस्ट के लिए फिर से विज्ञापन जारी किया गया, लेकिन हैरानी यह है कि जिन लोगों के टर्म एंड कंडीशन पूरी न होने का हवाला देकर यूनिवर्सिटी ने इंटरव्यू रद्द किया था, उन्हीं लोगों को 7 जुलाई मंगलवार को फिर इंटरव्यू के लिए बुला कर इंटरव्यू कर लिया गया।
हालांकि इस इंटरव्यू में क्लस्टर यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ के वाईस चांसलर के साथ अन्य टीम को बुलाया गया था, लेकिन सवाल यह उठता है कि जो लोग पहले इंटरव्यू के लिए इलिजिबल नहीं पाए गए थे, वहीं लोग फिर से किस कारण से इलिजिबल होंगे।
उन्होंने कहा कि अब ऐसे में सरकार व संस्थान के मुखिया को बताना होगा कि इस इंटरव्यू में पहले से रिजेक्ट किए गए लोगों को किस कारण और किस हैसियत से बुलाया गया है। ऐसा कौन है जिसको टेक्निकल यूनिवर्सिटी हमीरपुर में नियमों के विपरीत अधिकारी की तैनाती चाह रहा है।