नेरवा, नोविता सूद। उपमंडल चौपाल के अंतर्गत सरांह रेंज की कूहल बीट में चिऊना नामक स्थान पर जंगलों में दर्जनों देवदार के पेड़ों पर कुल्हाड़ी चलाई गई है। अभी तक वन विभाग को वन काटुओं की कोई खबर तक नहीं है।
एक तरफ जहां सरकार पेड़ों का कटान रोकने और अधिक से अधिक पेड़ लगाकर पर्यावरण बचाने के लिए करोड़ों रुपये खर्च कर रही है, वहीं कुछ वन माफिया हरे पेड़ों का कटान धड़ल्ले से कर पर्यावरण को नुकसान पहुंचा रहे हैं।
इसका जीता जागता सुबूत सरांह रेंज में दिखाई दिया जंहा माफियाओं ने हरियाली पर कुल्हाड़ी चला दी। जानकारी के अनुसार पेड़ों की संख्या इतनी ज्यादा है कि इन पेड़ों को काटने के लिए काफी दिन लगे होंगे, लेकिन इन पेड़ो की खबर वन विभाग के अधिकरियों और फॉरेस्ट गार्ड को क्यों नहीं लगी, यह विभाग की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठाता है।
उपमंडल चौपाल की ग्राम पंचायत लिगजार के जंगलों में 30 से 40 देवदार वह कायल के बड़े हरे पेड़ों को कुछ वन माफियों द्वारा एक जगह पर बीच जंगल में काटा गया है और पेड़ों की बड़ी-बड़ी गेलिया, स्लिपर बनाये गए है। जानकारी के अनुसार खेल मैदान बनाने के लिए पेड़ों का कटान किया गया है और इसके लॉग्स बनाकर तस्करी का भी अंदेशा है।
सूत्रों की माने तो मैदान के बाहर जंगल में भी दर्जनों ताजे कटे छोटे बड़े पेड़ों के ठूंठ है। इसके अलावा मैदान और साथ लगते जंगल में दर्जनों लॉग्स भी बिखरे पड़े है । बता दें कि इससे पूर्व भी इस क्षेत्र में सीडार वुड आयल और पेड़ों के अवैध कटान के कई मामले सामने आ चुके हैं, जिसमे कई बार तो विभागीय कर्मचारी भी तस्करों के निशाने पर आ चुके हैं।
चर्चा है कि इस क्षेत्र में कथित रूप से एक बहुत प्रभावशाली वन माफिया सक्रिय है जोकि चोर रास्तों से बेशकीमती वन सम्पदा की तस्करी कर बाहरी क्षेत्रों में ठिकाने लगा रहा है।
उधर वन मंडलाधिकारी चौपाल अंकित कुमार ने कहा कि पुलिस थाना चौपाल में प्राथमिकी दर्ज करवाई गई है और वन परिक्षेत्र अधिकारी व वन खंड अधिकारी को कारण बताओ नोटिस जारी किये गए हैं। उन्होंने कहा कि इस मामले की गहन जांच होगी और जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।