दिल्ली। केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन तथा श्रम एवं रोजगार मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा कि पीटर्सबर्ग जलवायु संवाद बर्लिन में संपन्न हुआ। इस सम्मेलन में प्रतिनिधियों ने सीओपी28 के दौरान किये जाने वाले सम्मिलित फैसलों के लिए आधार तैयार करने की दिशा में कार्रवाई को पूरा किया।
भूपेंद्र यादव ने कई ट्वीट्स करते हुए यह जानकारी दी है कि वैश्विक उत्सर्जन में भारी कटौती और नवीकरणीय ऊर्जा के विस्तार के लिए पीटर्सबर्ग जलवायु संवाद में वैश्विक तथा आवश्यक लक्ष्य निर्धारित करने के उद्देश्य से व्यापक सहमति बनी थी।
यादव ने कहा कि भारत ने विभिन्न चर्चाओं में अपना पक्ष बड़ी मजबूती से रखा। उन्होंने बताया, जिस तरह से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा इन मुद्दों पर ध्यान दिया गया है, तो इस कार्यक्रम में उन्हें दोहराया गया था कि किसी को भी पीछे न छोड़ने की भावना से न्यायोचित, सस्ती और समावेशी ऊर्जा पारेषण की दिशा में सहयोग की आवश्यकता को समझना काफी महत्वपूर्ण है।
यादव ने कहा कि स्वच्छ ऊर्जा उपलब्ध कराने के मार्ग का अनुसरण करते हुए स्थानीय आबादी और सार्वजनिक अर्थव्यवस्था में आजीविका के अवसरों को बनाए रखने के लिए अर्थव्यवस्था में विविधता लाने और रोजगार के नये मौके तैयार करने पर ध्यान देने की जरूरत है। विशेषकर उन पर, जो मौजूदा ऊर्जा प्रणाली पर निर्भर रहते हैं।
इससे पहले यादव ने सार्वभौमिक बदलाव के लिए वैश्विक स्टॉकटेक और रोडमैप पर रणनीतिक संवाद पर आयोजित सत्र को संबोधित किया।
केंद्रीय मंत्री ने कई मुद्दों के साथ इस तथ्य का उल्लेख भी किया कि वैश्विक स्टॉकटेक परिणाम को इन बातों पर ध्यान देना चाहिए, जलवायु परिवर्तन के प्रभाव, कार्रवाईयों और प्रतिक्रियाओं का गरीबी उन्मूलन सहित विकासशील देशों की विकासात्मक प्राथमिकताओं पर क्या प्रभाव पड़ता है।
उन्होंने कहा कि पहले वैश्विक स्टॉकटेक के परिणाम को राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान (एनडीसी) के अगले दौर ले जाना चाहिए और फिर अंतरराष्ट्रीय सहयोग को बढ़ाने के उद्देश्य से टिकाऊ जीवन शैली के साथ-साथ स्थायी खपत के मुद्दे पर एक संदेश प्रसारित होना चाहिए।