स्काईएयर हिमाचल में अनमैन्ड ट्रैफिक मैनेजमेंट करेगा शुरू, स्काईएयर और हिमाचल प्रदेश सरकार ने इस संबंध में एमओयू पर किए हस्ताक्षर

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नई दिल्ली। स्काईएयर, भारत के सबसे बड़े एसएएएस आधारित ऑटोनमस ड्रोन लॉजिस्टिक्स प्रदाता और हिमाचल प्रदेश सरकार ने राज्य भर में यूटीएम (अनमैन्ड ट्रैफिक मैनेजमेंट) तैनात करने के लिए एमओयू (समझौता पत्र) पर हस्ताक्षर किए हैं।

यह एमओयू हिमाचल प्रदेश राज्य में अनमैन्ड एरियल ऑपरेशंस की सुरक्षा और कार्यकुशलता को आगे बढ़ाने में एक महत्वपूर्ण कदम है।

भारत में एकमात्र स्वदेशी अनमैन्ड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम के रूप में, स्काई यूटीएम ऑटोमेटेड एयरस्पेस ट्रैफिक मैनेजमेंट, जेनरेटिंग अप्रूवल्स और मैन्युअल इंटरवेन्शंस के बिना ड्रोन मूवमेंट्स को कोऑर्डिनेशन प्रदान करता है।

ये सिस्टम नेक्सट जेनरेशन के एयर ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम्स की फाउंडेशन के तौर पर काम करता है, जो तेजी से बढ़ती ड्रोन इंडस्ट्री में सुरक्षा और कुशलता सुनिश्चित करता है।

कृषि, पनबिजली, सीमेंट और टूरिज्म में अपने बेहतरीन और तेजी से ग्रोथ दर्ज कर रहे इंडस्ट्रियल सेक्टर्स के साथ हिमाचल प्रदेश को विभिन्न तरह के ऑपरेशंस में ड्रोन की महत्वपूर्ण आवश्यकता है।

राज्य के पहाड़ी इलाके और मानसून और सर्दियों के मौसम के दौरान सड़क नेटवर्क सीमित हो जाने पर ड्रोन ट्रांसपोर्टेशन सहित एरियल ट्रेड रूट्स के लिए अवसर पैदा करते हैं।

राज्य के हवाई क्षेत्र में बढ़ती गतिविधि के साथ, मौसम और इलाके जैसे कारक एरियल एरिया के प्रबंधन और सभी तरह के एयर ट्रैफिक की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए यूटीएम सिस्टम की तैनाती को महत्वपूर्ण बनाते हैं।

स्काईएयर और हिमाचल प्रदेश सरकार के बीच इस नई साझेदारी का लक्ष्य दो मुख्य उद्देश्यों को प्राप्त करना है। सबसे पहले, स्काईएयर एक राज्य-व्यापी यूटीएम सॉल्यूशंस तैनात करेगा, जिसमें सभी पक्षों और हितधारकों के लिए यूटीएम डैशबोर्ड की स्थापना, योग्य पायलटों को शामिल करना, यूटीएम प्लेटफॉर्म पर सभी हितधारकों को प्रशिक्षण देना शामिल है।

दूसरा, हिमाचल प्रदेश सरकार परियोजना के बाधारहित संचालन के लिए आवश्यक सहायता, डेटा और जानकारी प्रदान करेगी। यह यूटीएम सिस्टम के साथ सभी पायलटों और राज्य के स्वामित्व वाले ड्रोन्स का इंटीग्रेशन सुनिश्चित करेगा, जिससे आंतरिक सुरक्षा और कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए ड्रोन फ्लाइट ऑपरेशंस की ट्रैकिंग की सुविधा मिलेगी।

स्काईएयर के सीईओ अंकित कुमार ने कहा कि “स्काई यूटीएम भारत की एकमात्र स्वदेशी अनमैन्ड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम है, जो हमारे हवाई क्षेत्र में ड्रोन के संचालन के तरीके में एक व्यापक बदलाव लाएगी।

अपनी एडवांस्ड क्षमताओं और रियल टाइम ट्रैकिंग के साथ, स्काई यूटीएम नेविगेशन, रिस्क एसेसमेंट को बढ़ाएगा और इसके साथ ही सभी ड्रोन ऑपरेटरों के लिए कनेक्टिविटी प्रदान करेगा। हिमाचल प्रदेश सरकार के साथ यह साझेदारी एक मजबूत और सुरक्षित ड्रोन इकोसिस्टम विकसित करने के हमारे दृष्टिकोण के अनुरूप है।”

स्काई यूटीएम सिस्टम की तैनाती से हिमाचल प्रदेश में अनमैन्ड एरियल ऑपरेशंस की सुरक्षा और दक्षता में बहुत योगदान मिलेगा। क्लाउड-बेस्ड यूटीएम प्लेटफॉर्म विभिन्न प्रकार के ड्रोन्स से जुड़ता है और कम्युनिकेट करता है, जिससे सुरक्षित एयरस्पेस बनाने के लिए ड्रोन ट्रैफिक की ट्रैकिंग और सुरक्षित संचालन सुनिश्चित होता है।

यह ड्रोन एयरस्पेस, रियल टाइम यूएवी मूवमेंट्स और वेरिफाइड पाथ्स का एक व्यापक व्यू प्रदान करता है। पहले से ही समर्थित 1000 से अधिक सफल ड्रोन उड़ानों के साथ, यूटीएम सिस्टम ड्रोन ऑपरेटरों के लिए बेहतर नेविगेशन, रिस्क एसेसमेंट और एरियल ट्रैफिक मैनेजमेंट प्रदान करती है।

यूटीएम सिस्टम ड्रोन मूवमेंट्स पर नज़र रखने और भविष्यवाणी करने के लिए रियल टाइम, लो-लेटेंसी इंफ्रास्ट्रक्चर की पेशकश करके ड्रोन ऑपरेटरों और आम जनता को कई तरह के लाभ प्रदान करेगी। यह ड्रोन फ्लाइट्स के 255 से अधिक मापदंडों को पकड़ता है और अपने “ब्लैकबॉक्स” में प्रत्येक उड़ान का एक सिस्टेमेटिक विवरण प्रदान करता है।

इसके अलावा, यूटीएम प्रणाली हेलीकॉप्टर और विमानों जैसे मैन्ड एविएशन के साथ इंटीग्रेट होती है, जो एक अच्छी तरह से मैनेज्ड और कोऑर्डिनेटेड एयरस्पेस सुनिश्चित करती है।

स्काई यूटीएम सिस्टम डिलीवरी सर्विसेज, एग्रीकल्चर और निगरानी सहित विभिन्न ड्रोन एप्लीकेशंस का सपोर्ट करती है। मनोरंजक और प्रोफेशनल दोनों तरह की सभी ड्रोन मूवमेंट्स का सपोर्ट किया जाता है, जिससे पायलटों को यूटीएम प्लेटफॉर्म के अधिकत उपयोग के लिए मैप्स को रजिस्टर्ड करने और उपयोग करने और प्रचलित नियमों के साथ अधिक अनुपालन करने की आवश्यकता होती है।

यूटीएम सिस्टम के सफल संचालन और उपयोग को सुविधाजनक बनाने के लिए, स्काईएयर यूटीएम सिस्टम के उपयोग और फायदों पर ड्रोन ऑपरेटरों और अधिकारियों सहित स्थानीय हितधारकों को शिक्षित करने के लिए वर्कशॉप्स आयोजित करेगा।

ये वर्कशॉप्स प्लेटफॉर्म पर व्यावहारिक प्रशिक्षण और अपडेट प्रदान करेंगी, जिससे यह सुनिश्चित होगा कि सभी हितधारक यूटीएम इंफ्रास्ट्रक्चर के भीतर काम करने के लिए आवश्यक नॉलेज और स्किल से लैस हैं।

हिमाचल प्रदेश में यूटीएम सिस्टम को चरणबद्ध तरीके से स्थापित किया जाएगा। पहले फेज में सरकार द्वारा रजिस्टर्ड ड्रोन का इंटीग्रेशन, पायलट ट्रेनिंग और शिमला जिले में निजी ड्रोन के लिए ओपन रजिस्ट्रेशन शामिल है।

फेज 2 में इसका व्यापक विस्तार शामिल है, जिनमें एयरपोर्ट्स और हेलीपैड से अनमैन्ड ट्रैफिक को यूटीएम के साथ इंटीग्रेट किया गया है।

फेज 3 प्राथमिकता और विभागीय आवश्यकताओं के आधार पर राज्य के बाकी जिलों में यूटीएम सिस्टम को प्रभावी तौर पर लागू करने पर केंद्रित है। यह पूरे राज्य में यूटीएम सिस्टम की व्यवस्थित और अच्छी तरह से तैनाती सुनिश्चित करता है।

हिमाचल प्रदेश में यूटीएम सिस्टम की तैनाती से राज्य पर महत्वपूर्ण आर्थिक और सामाजिक प्रभाव पड़ने की संभावना है। ड्रोन द्वारा आसान एरियल ट्रेड रूट्स से हेल्थकेयर सप्लाई, कृषि उत्पादों, ग्रॉसरी और इमरजेंसी के हालात के दौरान डिलीवरी मैनेजमेंट सहित विभिन्न इंडस्ट्रीज के विकास में योगदान देंगे।

विभिन्न क्षेत्रों में ड्रोन को व्यापक रूप से अपनाने से नए अवसर पैदा होंगे, दक्षता बढ़ेगी और अप्रत्यक्ष रूप से अर्थव्यवस्था को लाभ होगा।

स्काईएयर और हिमाचल प्रदेश सरकार के बीच यह सहयोग राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ड्रोन इंडस्ट्री में तकनीकी प्रगति और रेगुलेटरी डेवलपमेंट्स के व्यापक इंफ्रास्ट्रक्चर के अनुरूप है। जैसे-जैसे ड्रोन इंडस्ट्री में सुरक्षा और निगरानी की आवश्यकता बढ़ती जा रही है, यूटीएम सिस्टम को अपनाना महत्वपूर्ण हो जाता है।

हिमाचल प्रदेश में यूटीएम सिस्टम का सफल संचालन इसके राष्ट्रव्यापी अपनाने, सुरक्षा, निगरानी और कुशल ट्रैफिक मैनेजमेंट सुनिश्चित करने के लिए एक आधार के रूप में काम करेगा।

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