टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड द्वारा इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन के अधिकारियों के लिए ग्रीन एचआरएम प्रशिक्षण का आयोजन

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ऋषिकेश। आर के विश्नोई, अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड ने बताया कि टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड द्वारा ऋषिकेश के सुरम्य परिवेश में स्थित टीएचडीसी के एचआरडी प्रशिक्षण केंद्र में इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन के वरिष्ठ अधिकारियों के लिए तीन दिवसीय “ग्रीन एचआरएम” प्रशिक्षण आयोजित किया जा रहा है।

विश्नोई ने अवगत कराया कि यह विशेष प्रशिक्षण जयपुरिया इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट के सहयोग से 4 से 6 अक्टूबर तक आयोजित किया जा रहा है। उन्होंने आगे बताया कि टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड का यह एचआरडी सेंटर “सीखने और विकास” के उद्देश्‍य से सभी उच्चतम मानक तकनीकों की अत्याधुनिकता के प्रसार का केंद्र रहा है।

वर्तमान कार्यक्रम में, इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड के 22 विशिष्‍ट और वरिष्ठतम अधिकारी, जो उप महाप्रबंधक और उससे ऊपर के पदों पर हैं, इस उभरते हुए एचआरएम वर्टिकल सेंटर में प्रशिक्षण प्राप्‍त कर रहे हैं।

विश्नोई ने कहा कि जयपुरिया इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट और इंडियन सोसाइटी फॉर ट्रेनिंग एंड डेवलपमेंट (आईएसटीडी) जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों के सहयोग से, बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ और महारत्न सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यम के वरिष्ठ अधिकारियों के लिए ज्ञान को बढ़ावा देने, विचारों के आदान-प्रदान और पेशेवर विकास को सुविधाजनक बनाने के लिए टीएचडीसी एचआरडी पहल और ओपन हाउस इंटरैक्टिव सत्रों की श्रृंखला आयोजित करता है।

विश्नोई ने बताया कि टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड समय-समय पर अग्रणी केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (सीपीएसयू) और विद्युत क्षेत्र के प्रमुखों के लिए ऐसे प्रशिक्षण कार्यक्रमों की मेजबानी करने के लिए अपने अनुभव का विस्तार कर रही है।

एचआरडी केंद्र तकनीकी उत्कृष्टता के प्रमाण के रूप में खड़ा है और प्रतिभागियों को अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त प्रसिद्ध संकायों तक पहुंच प्रदान करता है, जिससे यह देश में कौशल वृद्धि के लिए एक अद्वितीय गंतव्य बन जाता है।

तीन दिवसीय कार्यक्रम की शुरुआत टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड के निदेशक (कार्मिक) शैलेंद्र सिंह की उपस्थिति में एक उद्घाटन समारोह के साथ हुई। अपने संबोधन में, शैलेंद्र सिंह ने “लाइफ”, “पर्यावरण के लिए जीवन शैली” के महत्व को रेखांकित किया, और सभी उपस्थित लोगों से न केवल मानव संसाधन प्रबंधन के क्षेत्र में बल्कि जीवन शैली में प्रकृति के साथ तालमेल को अपनाने का आग्रह किया।

उन्होंने 2070 तक “नेट जीरो कार्बन उत्सर्जन” प्राप्त करने के महत्वाकांक्षी लक्ष्य की दिशा में भारत को आगे बढ़ाने में ऐसे प्रयासों की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया।

विश्नोई ने कहा कि यह प्रशिक्षण कार्यक्रम एचआरएम में पर्यावरण सहजता को बढ़ावा देने के लिए टीएचडीसी की अटूट प्रतिबद्धता का उदाहरण है। यह भारत के पर्यावरण संरक्षण के व्यापक राष्ट्रीय एजेंडे के साथ सहजता से संरेखित है।

उन्होंने कहा कि यह अपने हरे-भरे परिसर और अत्याधुनिक सुविधाओं का उच्‍चतम उपयोग करते हुए संगठन के राजस्व पोर्टफोलियो में महत्वपूर्ण योगदान देता है।

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