राज्यपाल ने अमृत काल में स्वदेशी अपनाने का किया आह्वान

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शिमला। राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने कहा कि हर व्यक्ति अमृत काल का साक्षी बना है। हमें तय करना है कि आने वाले 25 वर्षों में हमें किस दिशा में जाना है और राष्ट्र के विकास में हमारा क्या योगदान हो सकता है।

राज्यपाल आज सोलन जिले के दून विधानसभा क्षेत्र के बद्दी में आजादी का अमृत महोत्सव कार्यक्रम को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि अमृत महोत्सव के दौरान हमें अपने अतीत को भी याद करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि अंग्रेजों सहित विदेशी आक्रांताओं ने हमारी संस्कृति, परंपराओं और शिक्षा प्रणाली को नुकसान पहुंचाया और हमारे पूर्वज उस समय आजादी के बारे में शायद सोच भी नहीं सकते थे।

उन्होंने कहा कि देश को आजाद करवाने के लिए बड़ी संख्या में भारतीयों ने अपने प्राणों की आहुति दी और ऐसे में हमें इस आजादी का महत्व समझने की आवश्यकता है।

राज्यपाल ने देश के बंटवारे की पीड़ा का जिक्र करते हुए कहा कि इतिहास में इस दुःखद घटना को याद रखने की जरूरत है।

उन्होंने कहा कि हमें उन सभी बलिदानियों को याद करना होगा, जिनके कारण हम एक स्वतंत्र राष्ट्र में रह रहे हैं। उन्होंने कहा कि हर घर तिरंगा कार्यक्रम में शामिल होकर हम अपने महान स्वतंत्रता सेनानियों को याद कर सकते हैं।

यह अभियान किसी पार्टी या संगठन का नहीं बल्कि पूरे देश का है और इसी लिए हम सभी इस अभियान से जुड़े हैं। उन्होंने लोगों से अमृत काल में स्वदेशी अपनाने का भी आह्वान किया।

राज्यपाल ने कंपनी के सर्वश्रेष्ठ कर्मचारियों और अपने क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाली विभूतियों को भी पुरस्कृत किया।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकारी सदस्य इंद्रेश कुमार ने आजादी का अमृत महोत्सव आयोजित करने के लिए माइक्रोटेक कंपनी को बधाई देते हुए कहा कि इस तरह की गतिविधियां दूसरों को भी राष्ट्र के प्रति समर्पण भाव से कार्य करने के लिए प्रेरित करेंगी।

उन्होंने देश की स्वतंत्रता से संबंधित विभिन्न घटनाओं का उल्लेख किया। उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम से जुड़े विभिन्न नारों और उस समय उनके महत्व का जिक्र करते हुए कहा कि वर्तमान संदर्भ में बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ और हर घर तिरंगा जैसे नारे और अभियान भी राष्ट्रवाद से जुड़े हैं।

माइक्रोटेक के अध्यक्ष एवं सीआईआई हिमाचल प्रदेश के अध्यक्ष सुबोध गुप्ता ने इस अवसर पर राज्यपाल को सम्मानित किया।

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