शिमला। जिला दण्डाधिकारी एवं उपायुक्त शिमला आदित्य नेगी ने यहां बताया कि शाॅल, रेहड़ी-फड़ी वालों एवं प्रवासी मज़दूरों को अपनी पहचान का सत्यापन करवाना अनिवार्य होगा, ताकि स्थानीय लोगों की सुरक्षा से खिलवाड़ न हो सके।
उन्होंने बताया कि अपराध की घटनाओं की रोकथाम के लिए कोई भी ठेकेदार अथवा व्यापारी शिमला जिले में आने वाले किसी भी प्रवासी मजदूर को किसी भी प्रकार की नौकरी या सेवा या अनुबंध श्रम में तब तक नहीं रखेगा, जब तक कि ऐसे प्रवासी मजदूर का संबंधित थाने में सत्यापन नहीं हो जाता है। प्रवासी श्रमिक को पहचान और सत्यापन के लिए पासपोर्ट आकार की फोटो के साथ पूरा विवरण थाने में प्रस्तुत करना होगा।
उन्होंने बताया कि इसके अतिरिक्त कोई भी प्रवासी व्यक्ति जिला शिमला में संबंधित थाने में सूचना दिए बिना अपने आपको किसी भी प्रकार के स्व-रोजगार, व्यापार या सेवाओं में शामिल नहीं करेगा।
इन आदेशों का उल्लंघन करने पर प्रवासी मजदूर अथवा संबंधित ठेकेदार के विरूद्ध भारतीय दंड संहिता की धारा 188 के तहत कार्यवाही अमल में लाई जाएगी।
जिला दण्डाधिकारी आदित्य नेगी ने बताया कि यह आदेश 1 दिसम्बर से प्रभावी होकर दो माह की अवधि तक प्रभावी रहेंगे।