एसजेवीएन ने उत्तराखंड में और जलविद्युत परियोजनाएं आबंटित करने के लिए किया अनुरोध

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शिमला। नन्द लाल शर्मा, अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक एसजेवीएन ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से देहरादून में भेंट की। भेंट के दौरान शर्मा ने उत्तराखंड में जल विद्युत परियोजनाओं के क्षेत्र में निवेश करने की रुचि जाहिर की।

उन्होंने मुख्‍यमंत्री को बताया कि‍ एसजेवीएन ऊर्जा के क्षेत्र में तेजी से उभरता हुआ उपक्रम है। इसके अतिरिक्‍त एसजेवीएन पवन उर्जा, ताप उर्जा एवं सौर उर्जा के क्षेत्र में भी कार्यरत है।

वर्तमान में देश ही नहीं अपितु नेपाल और भूटान में भी जल विद्युत परियोजनाओं कार्य कर रहा है। उन्होंने मुख्‍यमंत्री को अवगत करवाया कि एसजेवीएन उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में 60 मेगावाट की नैटवार मोरी जल विद्युत परियोजना का निर्माण कर रहा है।

परियोजना अपने निर्माण के अंतिम चरण में है और इसे जून 2022 तक पूरा किए जाने की सम्भावना है। उन्‍होंने बताया कि एसजेवीएन के पास हिमालय की विषम पारिस्थितिकी में परियोजनाओं के निर्माण एवं उनके परिचालन का अनुभव है।

उन्होंने मुख्‍यमंत्री से टौंस एवं यमुना वैली में अन्य परियोजनाए एसजेवीएन को आबंटित करने का अनुरोध किया। मुख्‍यमंत्री ने परियोजना कार्य पर हुई प्रगति पर संतोष व्‍यक्‍त किया एवं एसजेवीएन को राज्‍य सरकार के पूर्ण सहयोग का आश्‍वासन दिया।

नन्द लाल शर्मा ने बताया कि एसजेवीएन का वर्ष 2020-21 टैक्स से पूर्व कुल लाभ 2168.67 करोड़ रुपए है जोकि अभी तक का सर्वाधिक है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में एसजेवीएन के पास 8032 करोड़ रुपए का रिजर्व है।

उन्होंने कहा कि एसजेवीएन की वर्तमान में विद्युत उत्पादन क्षमता 2016.51 मेगावाट है इसके अतिरिक्त एसजेवीएन ट्रांसमिशन लाइन के निर्माण के क्षेत्र में भी कार्यरत है।

उन्होंने बताया कि एसजेवीएन के पोर्टफोलियो में वर्तमान में 11000 मेगावाट से अधिक की विद्युत परियोजनाएं है और हाल ही में एसजेवीएन को ईरेडा के माध्यम से 1000 मेगावाट की ग्रिड कनेक्टेड सोलर पीवी सौर परियोजना रिक्वेस्ट आफ प्रपोजल के माध्यम से प्राप्त हुर्ह है।

नंद लाल शर्मा ने बताया की निगम इसके अतिरिक्त उत्तर प्रदेश, बिहार और गुजरात में भी 345 मेगावाट के सोलर पावर प्रोजेक्ट के निर्माण में कार्यरत है।

कंपनी लघु-मध्यम-दीर्घकालिक उद्देश्यों को पूरा करने के लिए एसजेवीएन ने 2023 तक 5000 मेगावाट, 2030 तक 12000 मेगावाट तथा 2040 तक 25000 मेगावाट प्राप्त करने का एक साझा विजन रखा है।

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