शिमला। नन्द लाल शर्मा, अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, एसजेवीएन ने अवगत कराया कि एसजेवीएन ने ई-रिवर्स ऑक्शन के माध्यम से बिल्ड, ओन एंड ऑपरेट आधार पर 2.90 रुपए प्रति यूनिट की दर से 100 मेगावाट की पूर्ण कोटेड क्षमता की पवन विद्युत परियोजना हासिल की।
शर्मा ने कहा कि एसजेवीएन ने सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड द्वारा आयोजित 1200 मेगावाट भारतीय इंटर स्टेट ट्रांसमिशन सिस्टम से जुड़ी पवन परियोजनाओं (चरण-XIII) की स्थापना के लिए टैरिफ आधारित प्रतिस्पर्धी बोली में भाग लिया।
परियोजना को एसजेवीएन की पूर्ण स्वामित्व वाली अधीनस्थ कंपनी एसजीईएल के माध्यम से भारत में किसी भी स्थान पर विकसित किया जाएगा। इस परियोजना के विकास की संभावित लागत 700 करोड़ रुपए है।
परियोजना की कमीशनिंग के प्रथम वर्ष में 262 मि.यू. विद्युत उत्पादन होने की संभावना है और 25 वर्षों की अवधि में संचयी विद्युत उत्पादन लगभग 6574 मि.यू. होगा।
नन्द लाल शर्मा ने आगे बताया कि विद्युत विक्रय करार (पीएसए) पर हस्ताक्षर करने की तिथि से 24 माह की अवधि में परियोजना कमीशन की जाएगी। एसईसीआई द्वारा आशय पत्र जारी करने के पश्चात पीएसए हस्ताक्षरित किया जाएगा।
नन्द लाल शर्मा ने कहा कि “एसजेवीएन ने गुजरात और महाराष्ट्र राज्यों में 97.6 मेगावाट की संचयी क्षमता वाली साडला और खिरवीरे पवन ऊर्जा स्टेशनों को पहले ही कमीशन कर दिया है।
इस परियोजना की कमीशनिंग से कार्बन उत्सर्जन में 322150 टन की कमी होने की संभावना है और वर्ष 2070 तक हमारे देश को कार्बन न्युट्रल बनाने के भारत सरकार के मिशन में योगदान होगा।
एसजेवीएन का वर्तमान कुल पोर्टफोलियो लगभग 45,000 मेगावाट है और इसमें से लगभग 97% गैर-जीवाश्म ईंधन स्रोतों पर आधारित है। कंपनी ने हाल के वर्षों में उल्लेखनीय वृद्धि हासिल की है तथा वर्तमान में अखिल भारत एवं विदेशों में अपनी उपस्थिति के साथ 73 परियोजनाएं विकास के विभिन्न चरणों में हैं।
एसजेवीएन ने वर्ष 2023 तक 5000 मेगावाट, 2030 तक 25000 मेगावाट और वर्ष 2040 तक 50000 मेगावाट क्षमता के अपने साझा विजन को वर्ष 2030 तक गैर-जीवाश्म ईंधन स्रोतों से 50% ऊर्जा प्राप्त करने के भारत सरकार के लक्ष्य के अनुरूप निर्धारित किया है।
एक रणनीतिक और विश्वसनीय भागीदार के रूप में, एसजेवीएन देश के स्वच्छ ऊर्जा निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की योजना बना रहा है।