भारतीय वन सेवा प्रशिक्षु पश्चिमी हिमाचल के पर्वतीय क्षेत्रों के अध्ययन के लिये पहुंचे शिमला

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शिमला। इन्दिरा गाँधी राष्ट्रीय वन अकादमी, देहरादून से हिमाचली वनस्पति, वन व वन्यप्राणी प्रबंधन के अध्ययन के लिए भारतीय वन सेवा के 50 प्रशिक्षुओं का दल आज शिमला पहुँचा।

डॉ शिवाबाला एस, भारतीय वन सेवा अधिकारी की अगुवाई में यह प्रशिक्षु 29 अप्रैल से 17 मई तक हिमाचल प्रदेश, लदाख व जम्मू कश्मीर राज्यों के वनों का अध्ययन कर रहे हैं।

इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वन अकादमी, देहरादून में वर्ष 2022-24 के इस बैच में कुल 50 प्रशिक्षु हैं जिनमें 4 महिला अधिकारी व दो विदेशी भूटान से हैं।

डॉ शिवाबाला ने बताया कि प्रशिक्षुओं का यह दल हिमाचल प्रदेश से लेह लदाख और जम्मू कश्मीर तक वन प्रबंधन के विभिन्न पहलुओं पर जानकारी प्राप्त करेगा।
समिति कक्ष, टॉलैण्ड स्थित वन विभाग मुख्यालय में इन प्रशिक्षुओं ने आज प्रदेश वन विभाग के आला अधिकारियों से मुलाकात की।

अभिलाष दामोदरन मुख्य अरण्यपाल ने सभी प्रशिक्षुओं को हिमाचल की भौगोलिक सरंचना व जैव विविधता की जानकारी दी। प्रधान मुख्य अरण्यपाल वन बल प्रमुख राजीव कुमार ने प्रशिक्षुओं को हिमाचल प्रदेश वन विभाग की विभिन्न गतिविधियों की जानकारी के साथ साथ हिमाचल प्रदेश की वन संपदा के साथ साथ प्रदेश के वनों वन्यजीवों के संरक्षण के लिए किए गए उत्कृष्ट कार्यों की भी विस्तृत जानकारी दी। भारतीय वन सेवा के इन प्रशिक्षुओं ने बंदर नसबंदी केंद्र, टूटीकंडी का दौरा भी किया।

इस अवसर पर अतिरिक्त प्रधान मुख्य अरण्यपाल , संजय सूद, अतिरिक्त प्रधान मुख्य अरण्यपाल हर्षवर्धन कथूरिया, मुख्य अरण्यपाल के थिरूमल, अरण्यपाल शिमला वी के बाबू, उप अरण्यपाल कृष्ण कुमार,।उप अरण्यपाल प्रीति भंडारी व उप अरण्यपाल अनीश शर्मा उपस्थित थे।

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