छात्र अभिभावक मंच ने शिमला शहर में यातायात जाम पर जताई चिंता

Spread with love

शिमला। छात्र अभिभावक मंच ने शिमला शहर में भयंकर यातायात जाम की स्थिति के लिए जिला प्रशासन व पुलिस प्रशासन की कार्यप्रणाली की कड़ी निंदा की है। इनकी लचर कार्यप्रणाली व सुचारू ट्रैफिक प्लान के अभाव में जनता घण्टों परेशान होने को मजबूर है।

पानी अब सिर के ऊपर से गुज़र चुका है। मंच ने चेताया है कि अगर ट्रैफिक व्यवस्था तुरन्त दुरुस्त न हुई व यातायात जाम को नियंत्रित न किया गया तो मंच के सदस्य डीसी व एसपी शिमला के कार्यालय के अंदर ही धरने पर बैठ जाएंगे व रोष प्रदर्शन करने को मजबूर होंगे।

मंच के संयोजक विजेंद्र मेहरा व सदस्य विवेक कश्यप ने कहा है कि शिमला शहर में गाड़ियों का जाम रोज़मर्रा का काम हो गया है। शहर की जनता,अभिभावक व छात्र इस जाम से बेहद परेशान हैं। हर रोज़ टूटू से शिमला व संजौली से पुराना बस स्टैंड पहुंचने में डेढ़ घण्टा लग रहा है।

शिमला से छोटा शिमला व पंथाघाटी की ओर भी जाम की स्थिति भयंकर है। जिला प्रशासन व पुलिस प्रशासन की अव्यवस्था की हालत यह है कि सुबह से लेकर रात तक शिमला शहर जाम का केंद्र बना हुआ है। इस से सरकारी व निजी क्षेत्र में कार्यरत लोग अपनी डयूटी पर समय पर नहीं पहुंच रहे हैं।

इस से सरकारी काम से सरकारी कार्यालयों में आने वाली जनता का कार्य भी समय पर नहीं निपट रहा है क्योंकि घण्टों जाम में फंसे सरकारी कर्मचारी समय पर डयूटी पर नहीं पहुंच पा रहे हैं। स्कूलों में पढ़ने वाले छात्र समय पर स्कूल नहीं पहुंच पा रहे हैं व स्कूल से घर भी डेढ़ घण्टा बिलम्ब से पहुंच रहे हैं। पूरा दिन भर जाम है।

स्कूलों में छोटे बच्चों को छोड़ने व उन्हें लाने वाले अभिभावक सबसे ज़्यादा परेशान हैं क्योंकि उन्हें अपने बच्चों को स्कूल छोड़ने व घर वापिस लेने के लिए दिन के चार चक्कर लगाने पड़ते हैं।

उन्होंने कहा कि इस भयंकर स्थिति में शिमला शहर में उचित ट्रैफिक प्लान बनाने व उसे संचालित करने के लिए जिम्मेवार डीसी शिमला व ट्रैफिक पुलिस के अधिकारी बिल्कुल गायब हैं। उन्हें न तो शिमला शहर की जनता की चिंता है और न ही शहर के समुचित तरीके से संचालन से कोई वास्ता है।

घण्टों के इस लंबे जाम से शिमला की लाइफलाइन पर्यटन कारोबार भी बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। टैक्सी,टूअर एंड ट्रेवल,कुलियों,गाइडों,होटल,होम स्टे, गेस्ट हाउस संचालकों व निजी ट्रांसपोर्ट ऑपरेटरों का कार्य भी बुरी तरह प्रभावित हो रहा है।

पर्यटक यातायात जाम की भयंकर स्थिति के कारण शिमला आने के बजाए दूसरी जगह जाने को प्राथमिकता दे रहे हैं जिस से शिमला का पर्यटन उद्योग तबाह हो रहा है। यातायात जाम के कारण शहर के रेहड़ी, फड़ी, तयबजारी का कार्य करने वालों,करोबारियों व व्यापारियों का धंधा भी चौपट हो रहा है।

हैरानी इस बात की है कि जाम हर रोज़ का काम बन चुका है परन्तु डीसी शिमला व पुलिस अधिकारी अपने सरकारी कार्यालयों से बाहर निकलने को तैयार नहीं हैं व उन्हें जनता की सुविधा व प्रदेश की आर्थिकी को हो रहे नुकसान की कोई चिंता नहीं है।

डीसी शिमला,पुलिस प्रशासन व ट्रैफिक पुलिस को फील्ड में उतरकर यातायात जाम से निपटने के लिए पुख्ता कदम उठाने चाहिए व अगर ज़रूरत पड़े तो नया ट्रैफिक प्लान बनाना चाहिए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: