नेरवा, नोविता सूद। आज के समय में जहां लोगों को अपने रोजमर्रा के कार्यों से ही फुर्सत नहीं मिलती, वहीँ एक सरकारी स्कूल का शिक्षक सैंकड़ों देवदार के वृक्ष लगा कर समाज में पर्यावरण का सन्देश दे रहा है।
उत्तराखंड की सीमा पर स्थित राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल मनेवटी में कार्यरत अध्यापक सूरत चौहान समाज सेवा के साथ साथ पर्यावरण में अपनी भागीदारी निभाते हुए अपने सामाजिक दायित्व का बखूबी निर्वहन कर रहे हैं।
इस अध्यापक के प्रयास का ही फल है कि स्कूल परिसर में जहा वर्ष 2006 से पूर्व मात्र एक देवदार का पेड़ था, वहीँ स्कूल के अध्यापकों और छात्रों के प्रयास के फलस्वरूप आज स्कूल परिसर एवं आसपास 51 पेड़ देवदार और एक बुरांस का पेड़ लहलहा रहा है।
समाजसेवा की बात की जाये तो उनके क्षेत्र की कोई भी समस्या हो वह उसे मीडिया अथवा विभागीय स्तर पर हर समय उजागर अथवा हल करने के लिए तत्पर रहते हैं।
बीते दिनों क्षेत्र में पशुओं में लम्पी रोग के लक्षण पाए जाने पर मीडिया और प्रशासन के समक्ष इस मामले को उजागर किया था जिसके बाद चिकित्स्कों ने क्षेत्र का दौरा कर लम्पी प्रभावित पशुओं का उपचार कर ग्रामीणों को रहत प्रदान की थी।
यही नहीं वह हर साल गरीब बच्चों को अपनी निजी निधि से छात्रवृति भी प्रदान करते हैं। यूं तो वह गरीब और अनाथ बच्चों की वर्ष 2011 से मदद कर रहे हैं, परन्तु वर्ष 2017 में उन्हें स्कूल में छात्रवृति प्रभारी बनाये जाने पर वह हर साल गरीब अथवा अनाथ छात्रों को पांच हजार एक सौ रुपये छात्रवृति के रूप में प्रदान कर रहे हैं ।
पर्यावरण के प्रति प्रेम रखने वाले सूरत चौहान यूं तो कई सालों से वृक्षारोपण के अभियान से जुड़े हुए हैं, परन्तु वह उस समय चर्चा में आये जब उन्होंने मनेवटी की बंजर जमीन पर अपने चाचा के निधन के बाद वर्ष 2021 में कोरोना काल के बीच उनकी याद एक दो या दस बीस नहीं पूरे 505 देवदार के पौधे रोप डाले।
उनके इस कार्य में स्कूल के छात्रों ने भी भरपूर सहयोग दिया। 505 देवदार के पौधे लगाने के बाद इस शिक्षक ने इन पौधों की देखरेख की भी पूरी जिम्मेदारी निभाई तथा इस वर्ष इनमे से 27 पौधों के सूखने पर उनकी जगह नए पौधे लगाए। कोई भी मौक़ा हो सूरत हरेक मौके पर वृक्षारोपण करने से नहीं चूकते।
इसका जीता जागता उदहारण उनके द्वारा स्कूल परिसर में लगाया गया एक चार साल का देवदार का वह पौधा है जो आज एक पेड़ का रूप धारण कर चुका है ।
सूरत चौहान ने बताया कि उनके और स्कूल स्टाफ के द्वारा वर्ष 2018 में स्कूल के अंग्रेजी विषय के प्रवक्ता चंद्र मोहन मंगलेट के स्थानांतरण के मौके पर यह पौधा लगाया गया था, जोकि चार साल बाद आज एक पेड़ का रोप धारण कर चुका है।
वन विभाग में कार्यरत वन रक्षक योगेश चौधरी ने सूरत चौहान द्वारा रोपित देवदार के पौधों का निरिक्षण करने के बाद उनके इस प्रयास की सराहना की है।