स्कूलों की बिजली काटने पर बोले नेता प्रतिपक्ष, व्यवस्था परिवर्तन में स्कूलों की ग्रांट रोक रही है सरकार

Spread with love
शिमला। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि व्यवस्था परिवर्तन वाली सुख की सरकार द्वारा सरकारी स्कूलों की ग्रांट रोक दी गई है।

केंद्र द्वारा दिए जाने वाले समग्र शिक्षा अभियान का बजट भी अन्य कार्यों के लिए डायवर्ट कर दिया है जिसके चलते स्कूलों में शैक्षणिक कार्य के अलावा अन्य कार्य के दिए जाने वाला बजट स्कूलों को नहीं मिल पा रहा है।

इस वजह से विद्यालयों की बहुत सारी गतिविधियां प्रभावित हो रही हैं। ऐसे में विद्यालयों द्वारा बिजली का बिल भी नहीं भरा जा रहा है और नतीजन सरकारी स्कूलों के बिजली कनेक्शन काटे जा रहे हैं।

कांगड़ा में कुछ विद्यालयों के बिजली कनेक्शन काटने की खबर मीडिया के माध्यम से सामने आई है और बड़ी संख्या में स्कूलों को बिजली कनेक्शन काटने का नोटिस भी दिया गया है जिस पर बिजली विभाग संभवत: बहुत जल्दी कार्रवाई कर दे।

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि इस तरीके के मामले बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है जब सरकार द्वारा विद्यालयों को पैसा दिया ही नहीं जाएगा तो स्कूलों का बिजली बिल कैसे जमा किया जाएगा? सरकार क्या चाहती है कि अध्यापक अपने वेतन के पैसे से बिजली का बिल जमा करें?

सुक्खू सरकार जिस रवैए पर चल रही है बहुत जल्दी बहुत सारे विद्यालयों के बिजली कनेक्शन काटने की नौबत आ जाएगी।

उन्होंने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि इस मामले में वह दखल दे और विद्यालयों को उनके खर्च के लिए दिए जाने वाले अनुदान को जल्दी से जल्दी विद्यालयों को प्रदान करें।

प्रदेश के विभिन्न क्षेत्र के कई अध्यापकों द्वारा बताया गया कि उन्होंने अपने वेतन से ही बिजली बिल का भुगतान किया है जिससे कि उनके विद्यालय का कनेक्शन न कटने पाए।

जयराम ठाकुर ने कहा व्यवस्था परिवर्तन का यह शर्मनाक नमूना है एक तरफ सरकार हजारों की संख्या में स्कूलों को बंद कर चुकी है और जो स्कूल चल रहे हैं उन्हें भी सुक्खू सरकार की नाकामी की वजह से विभिन्न प्रकार से आर्थिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।

स्कूलों को बिजली बिल समेत अन्य खर्चो के लिए वित्तीय अनुदान देने का काम सरकार का है लेकिन सरकार की प्राथमिकता में कहीं भी शिक्षा और स्वास्थ्य नजर नहीं आता है। प्रदेश में जो हालात स्वास्थ्य व्यवस्था की है उसी तरह की हालत सरकार ने शिक्षा व्यवस्था की भी कर रखी है।

किसी भी प्रदेश की स्वास्थ्य और शिक्षा व्यवस्था बेहतर से बेहतर हो, हर राज्य और उसके मुखिया की यही जिम्मेदारी होती है लेकिन शिक्षा, स्वास्थ्य और विकास हिमाचल प्रदेश सरकार की प्राथमिकता में कहीं भी नहीं है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: