शिमला। हिमाचल प्रदेश शिक्षा के क्षेत्र में देशभर में दूसरे नंबर पर होने का दावा करता है। प्रदेश में 15313 सरकारी स्कूल हसीन लेकिन हैरानी की बात है कि सरकार ने प्रदेश में स्कूल तो खोल दिए हैं, लेकिन इन स्कूलों में न शिक्षक है और न ही छात्र।
प्रदेश में तीन हजार स्कूल केवल एक शिक्षक के सहारे चल रहे हैं जबकि 286 स्कूल ऐसे है जहाँ कोई भी छात्र नहीं है जबकि शिक्षक तैनात कर दिए हैं। प्रदेश में 12 हजार शिक्षकों के पद खाली चल रहे हैं। प्रदेश में शिक्षकों की कमी को लेकर वर्तमान सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार के मंत्री पूर्व की भाजपा सरकार को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं।
शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने पूर्व जयराम सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रदेश में पूर्व 5 सालों के दौरान शिक्षा का स्तर काफी गिरा दिया गया है। पूर्व सरकार ने राजनीतिक लाभ लेने के लिए जगह-जगह स्कूल तो खोल दिए लेकिन उनमें ना तो छात्र हैं और ना ही शिक्षकों की तैनाती की गई है।
सरकारी स्कूलों में 12 हजार के करीब शिक्षकों के पद खाली हैं। पूर्व सरकार ने 6 माह पहले 320 के करीब शिक्षण संस्थान खोले थे और 286 स्कूल ऐसे हैं जिनमें छात्र तो थे नहीं लेकिन शिक्षक कई स्कूलों में तैनात कर दिए।
इसमें 228 प्राथमिक पाठशाला हैं जबकि 56 हाई स्कूल शामिल है जहाँ कोई छात्र नही है। इन स्कूलों को अब बंद कर दिया गया है। सरकार ने इन स्कूलों की समीक्षा की है और स्कूलों में छात्रों की संख्या को देखते हुए यह फैसला लिया गया है।
उन्होंने कहा कि जिन प्राइमरी स्कूलों में छात्रों की संख्या 10 से ऊपर है उन्हें बंद नहीं किया जाएगा जबकि मिडिल स्कूल जहां छात्रों की संख्या 15 से ज्यादा है और हाईस्कूल जहां छात्रों की संख्या 20 है, उन स्कूलों को सरकार बंद नहीं करेगी।
इसी तरह सीनियर सेकेंडरी स्कूल की संख्या 32 रखी गई है जबकि 65 छात्रों वाले कालेजो को सरकार बन्द नहीं करेगी।
वही सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार ने स्कूलों में छात्रों को दी जाने वाली वर्दी में भी बदलाव किया है। अब स्कूलों में छात्रों को शिक्षा विभाग की ओर से वर्दी नहीं दी जाएगी बल्कि सीधे ही अभिभावकों के खाते में सरकार पैसे डालेगी और अभिभावक ही बच्चों के लिए वर्दी खरीदेंगे।
इससे पहले अब तक शिक्षा विभाग की ओर से छात्रों को वर्दी मुहैया करवाई जा रही थी। शिक्षा मंत्री ने कहा कि पारदर्शिता लाने को लेकर इस तरह की व्यवस्था की गई है।