शिमला। राज्य सरकार के वित्त विभाग ने तीन फरवरी तक सभी सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों को दोनों विकल्पों में से किसी एक का चयन करने को कहा है। पर ज्यादातर कर्मचारी अभी यह नहीं तय कर पा रहे हैं कि वे किस विकल्प को अपनाएं।
हिमाचल प्रदेश में विकल्प देने वाले सरकारी कर्मचारियों को ही जनवरी का नया संशोधित वेतनमान मिलेगा। करीब दो लाख कर्मचारियों में से अभी तक 10 फीसदी के ही वेतन निर्धारण दस्तावेज राज्य के कोषागारों में पहुंचे हैं।
सरकार ने तीन फरवरी तक ही विकल्प मांगे हैं जबकि वेतन बनाने का काम हर महीने 25 तारीख के बाद शुरू हो जाता है। ऐसे में, जो कर्मचारी विकल्प नहीं दे पा रहे हैं, उन्हें जनवरी का संशोधित वेतन नहीं मिलने की स्थिति में इसका एरियर अगले महीने देने की योजना है।
उल्लेखनीय है कि ज्यादातर कर्मचारी अभी यह नहीं तय कर पा रहे हैं कि वे किस विकल्प को अपनाएं।
न ही संवितरण एवं आहरण अधिकारी (डीडीओ) अधिकांश कर्मचारियों से विकल्पों के आवेदन ले पाए हैं। हालांकि, कई विभागों में डीडीओ के पास 40 फीसदी तक विकल्पों के आवेदन आ गए हैं। कई महकमों में यह 10 फीसदी भी नहीं मिले हैं।
इससे आगे जिला कोषागारों और उपकोषागारों में तो महज 10 फीसदी कर्मचारियों के वेतन निर्धारण के मामले पहुंचे हैं।
अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त प्रबोध सक्सेना ने कहा कि केवल उन्हीं कर्मचारियों को जनवरी का संशोधित वेतनमान दिया जा सकेगा, जिनसे विकल्प मिले हैं।
ये दो विकल्प दिए हैं कर्मचारियों को
सरकारी कर्मचारियों से 2.25 या 2.59 के गुणकों से वेतन तय करने के दो विकल्प मांगे गए हैं। बेसिक वेतन में विकल्प को गुना किया जाएगा। इससे वित्त विभाग की ओर से जारी पे मैट्रिक्स के कोष्ठक से मिलाया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने आज बुलाए कर्मचारी नेता
नए संशोधित वेतनमान के लिए कई कर्मचारी संगठनों की ओर से साझा मोर्चा बनाने के बाद मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कुछ कर्मचारी नेताओं को रविवार को अपने सरकारी आवास ओकओवर बुलाया है। जयराम इनसे वेतनमान को लेकर चर्चा करेंगे।