शिमला। हिमाचल प्रदेश युवा कांग्रेस अध्यक्ष नेगी निगम भंडारी ने कहा कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन समिति के अंतर्गत संवीदा कर्मचारी कोविड जैसी महामारी में अपनी जान जोखिम में डाल कर हिमाचल प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग में आज करीब 1800 संवीदा कर्मचारी कार्य कर रहे हैं।
हिमाचल की भाजपा सरकार द्वारा इन स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों की जायज मांगो जैसे इन्हें नियमित करना, पड़ोसी राज्यों जैसे हरियाणा और पंजाब की तर्ज पर जो वित्तीय लाभ वहां के राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के कर्मचारियों को दिया जा रहा, उससे हिमाचल के कर्मचारियों को वंचित रखना उनके द्वारा दी जा रही सेवाओं का अपमान है और उनके अधिकारों का हनन है।
नेगी ने कहा कि पंजाब में कोरोना महामारी में अस्पतालों में कार्यरत एनएचएम कर्मचारियों को 9 से 12 % अतिरिक्त बोनस दिया गया है जबकि हरियाणा में समान कार्य समान वेतन का लाभ वहां के एनएचएम कर्मचारियों को साल 2018 से दिया जा रहा है।
अभी तक हिमाचल में 3-4 एनएचएम समिति के कर्मचारियों की ड्यूटी के दौरान जान चली गई है। आज तक इन मृतकों के परिवार जनों को किसी तरह का मुआवजा सरकार द्वारा नहीं दिया गया।
हिमाचल सरकार ने नौकरी के दौरान जान गंवाने वाले कर्मचारियों को मुआवजे के बड़े बड़े दावे तो किए लेकिन जमीनी हकीकत उन दावों से मेल नहीं खाती।
उन्होंने कहा कि जहां एक तरफ हमारे पड़ोसी राज्यों की सरकारें स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी, जो फ्रंट लाइन में कोरोना से लड़ रहे हैं, उन्हें हर तरह से प्रोत्साहित कर रही है।
वहीं हिमाचल सरकार इन कर्मचारियों की जायज मांगों की अनदेखी कर इनके और इनके परिवारजनों के मनोबल को गिराने का कार्य कर रही है।
नेगी ने सरकार से अनुरोध किया है कि इन सभी कोरोना वाररियर्स की मांगों को जल्द से जल्द पूरा किया जाए अन्यथा हिमाचल यूथ काँग्रेस सड़कों से विधानसभा तक इन फ्रंट लाइन वाररियर्स की लड़ाई लड़ने पर मजबूर हो जाएगी।