हमीरपुर। हमीरपुर के बीजेपी सांसद के बाद अब मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने हमीरपुर में रेल पहुंचाने का दावा किया है। यह बात राज्य कांग्रेस उपाध्यक्ष एवं विधायक राजेंद्र राणा ने यहां जारी प्रेस बयान में कही है।
राणा ने कहा कि हालांकि बीजेपी के सांसद रेल के मुद्दे पर ही चार चुनाव लड़ चुके हैं। उन्होंने 2012 में हमीरपुर में रेल पहुंचाने का दावा चुनावों से पहले किया था। जिसमें रेलवे स्टेशन तक चिन्हित करने के दावे किए थे।
उन्होंने कहा कि हैरानी यह है कि रेल के मुद्दे पर 4 चुनाव लड़ चुके सांसद चुनावों के पहले रेल का राग छेड़ कर लॉलीपॉप देते रहे। फिर कहा कि हमीरपुर रेल लाइन का सर्वे चल रहा है लेकिन विभाग से जब आरटीआई के माध्यम से सूचना ली गई तो विभाग ने दो टुक मना किया कि हमीरपुर रेल लाइन का कोई सर्वे नहीं चल रहा है।
ऐसे में रेल की हकीकत क्या है यह तो बीजेपी ही जान सकती है लेकिन यह साबित हो गया है कि चुनावों से पहले रेल का राग छेडऩे वाली बीजेपी लोगों को रेल के नाम पर गुमराह करती है।
अब इसी परम्परा को दोहराते हुए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर हमीरपुर में रेल के मुद्दे पर कूदे हैं और उन्होंने हमीरपुर के जोलसप्पड़ में रेल लाने की बात करते हुए कांगड़ा तक बढ़ाने की बात कर दी है जबकि राष्ट्रीय बजट में हमीरपुर रेल लाइन के बजट के लिए कोई प्रावधान नहीं है।
राणा ने कहा कि अगर बजट के आंकड़ों पर भरोसा करें तो प्रदेश के पुराने तीन रेल प्रोजेक्टों के लिए केंद्रीय बजट से 1685 करोड़ रुपए मिले हैं, जिनमें से भानुपल्ली- बिलासपुर-बेरी रेल लाइन के लिए 1200 करोड़ रुपए, नंगल-तलवाड़ रेल लाइन के लिए 335 करोड़ रुपए व चंडीगढ़-बद्दी रेल लाइन के लिए 150 करोड़ रुपए मिले हैं।
ऐसे में अब हमीरपुर रेल लाइन कैसे आएगी यह तो बीजेपी ही बता सकती है। दूसरी ओर सांसद मंच से प्रदेश की जनता को यह बता चुके हैं कि राज्य सरकार रेल लाइन के लिए अपने हिस्से का बजट खर्चने को ही तैयार नहीं है। इसलिए हमीरपुर में रेल नहीं आ सकी है।
अब रेल कब आएगी, कैसे आएगी यह तो बीजेपी ही बता सकती है। लेकिन चुनावों से ठीक पहले मुख्यमंत्री का हमीरपुर रेल लाइन पर आया बयान एक बार फिर हमीरपुर संसदीय क्षेत्र के लोगों को गुमराह करने वाला लग रहा है।