शिमला। हिमाचल प्रदेश केंद्रीय वित्त पोषण पर चलने वाला राज्य है। मुख्यमंत्री ने रविवार को हिमाचल प्रदेश के हालात श्रीलंका की अर्थव्यवस्था जैसे होने की बात कही। इसके बाद से विपक्ष हमलावर नजर आ रहा है।
इस पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा है कि सरकार पर 75 हजार करोड़ कर्ज और 11 हजार करोड़ की सरकारी कर्मचारियों की देनदारी है। उन्होंने कहा कि इसमें कुछ भी गलत नहीं कहा।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि किसी को यदि कोई शंका है, तो वह आरटीआई के तहत जवाब प्राप्त कर स्थिति को स्पष्ट कर सकता है।
उन्होंने पूर्व बीजेपी सरकार को कटघरे में खड़ा किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्व सरकार के कर्ज को चुकाने के लिए ही मौजूदा सरकार को कर्ज लेना पड़ रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सत्य है कि हिमाचल प्रदेश की अर्थव्यवस्था को दुरुस्त करने में 4 साल का वक्त लगेगा।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि हिमाचल प्रदेश की अर्थव्यवस्था को संभालने में समय लगेगा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने सत्ता में आने से पहले जो भी गारंटी दी थी, उन्हें पूरा किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ओल्ड पेंशन स्कीम की बहाली बजट के साथ कर दी गई है। अन्य नौ गारंटी को भी कांग्रेस जल्द पूरा करेगी।
वहीं, उन्होंने सीमेंट प्लांट की बात को लेकर कहा कि सरकार जल्द इस विवाद को सुलझा लेगी। अडानी समूह ने सरकार के दबाव में ही सीधा ट्रक ऑपरेटरों के साथ बैठक की है।
उन्होंने कहा कि इसकी जिम्मेदारी सीधे तौर पर उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान को दे रखी है। इस विवाद को सरकार जल्द सुलझा लेगी।