पूर्व भाजपा सरकार के वित्तीय कुप्रबंधन के कारण लेने पड़ रहे कड़े वित्तीय निर्णय : मुख्यमंत्री

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शिमला। पूर्व भाजपा सरकार ने सत्ता में बने रहने के लिए अनेक झूठे वायदे और एक-से-बढ़कर-एक खोखले दावे करके राज्य की जनता को धोखा दिया है। यह बात मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने नई दिल्ली से लौटने के उपरांत शिमला में मीडिया से बातचीत करते हुए कही।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्व भाजपा सरकार ने अपने कार्यकाल के अंतिम छह माह में बिना किसी बजट प्रावधान के 900 से अधिक संस्थान खोले। इन संस्थानों को कार्यशील बनाने के लिए 5000 करोड़ रुपये से भी अधिक धनराशि की आवश्यकता होगी।

उन्होंने कहा कि इतना ही नहीं, भाजपा सरकार ने उप- चुनाव में करारी हार झेलने के बाद लोगों को गुमराह करने के लिए डीजल और पेट्रोल पर भी वैट कम कर दिया था।

सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि अब यही नेता वर्तमान राज्य सरकार द्वारा डीजल पर वैट में नाममात्र की वृद्धि पर बेवजह बयानबाजी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को आय के स्रोत सृजित करने के लिए यह निर्णय लेने के लिए मजबूर होना पड़ा क्योंकि पूर्व भाजपा सरकार के वित्तीय कुप्रबंधन के कारण वर्तमान राज्य सरकार पर विरासत में 75000 करोड़ रुपये का वित्तीय बोझ पड़ा है।

मुख्यमंत्री ने आश्चर्य जताते हुए कहा कि पूर्व में भाजपा सरकार ने ही मुख्य संसदीय सचिवों के पद सृजित किए थे और अब वही नेता वर्तमान राज्य सरकार द्वारा सीपीएस नियुक्त करने के फैसले पर सवाल उठा रहे हैं।

उन्होंने भाजपा नेताओं को धैर्य रखने की सलाह देते हुए कहा कि राज्य की जनता ने कांग्रेस पार्टी को भारी जनादेश दिया है।

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